अनुभवी मिडफील्डर नमिता टोप्पो ने भारतीय महिला हॉकी टीम के
साथ समय बिताने का फैसला करने के बाद हॉकी इंडिया ने
गुरुवार को दो बार के एशियाई खेलों के पदक विजेता को
भारतीय हॉकी में उनके शानदार योगदान के लिए बधाई दी.
महिला हॉकी खिलाड़ी नमिता टोप्पो ने लिया सन्यास
27 वर्षीय नमिता स्पोर्ट्स हॉस्टल, पानपोश, राउरकेला का एक उत्साह है
जो उनके मूल राज्य उड़ीसा में स्थित है. उन्होंने पहली बार 2007 में
अपनी राज्य टीम का प्रतिनिधित्त्व किया और घरेलू प्रतियोगिताओं में
उनके प्रदर्शन ने उन्हें 2011 में बैंकोक, थाईलैंड में आयोजित गर्ल्स
अंडर-18 हॉकी एशिया कप के लिए चुना जहां भारतीय टीम ने कांस्य पदक
जीता, राष्ट्रीय शिविरों में टोप्पो की कड़ी मेहनत और समपर्ण और
घरेलू सर्किट में लगातार प्रदर्शन ने उन्हें 2012 में सीनियर टीम का
प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना जब उन्होंने डबलिन में एफआईएच चैंपियंस चैलेन्ज एक में भाग लिया.
टोप्पो ने कहा कि पिछले 10 साल निश्चित रूप से मेरे जीवन
के सबसे अच्छे साल रहे हैं. मैं अपने जीवन में एक नए अध्याय की
ओर बढ़ते हुए टीम के लिए उत्साह और समर्थन करती रहूंगी.
उसने आगे कहा कि मेरे साथियों का समर्थन आर उड़ीसा सरकार राज्य
सरकार जिन्होंने हमें बिना शर्त समर्थन दिया है. उन्होंने हर कदम
पर हमारी उपलब्धियों को पहचाना है. मैं मुख्यमंत्री श्री नवीन पटनायक सर
और खेल और युवा सेवाओं के विभागों को धन्यवाद देता हूं जिनके तहत मैंने प्रशिक्षित किया है.
इस बीच भारतीय महिला हॉकी टीम के मुख्य कोच जनने शोपमैन ने कहा,
नमिता ने भारतीय हॉकी में एक विनम्र योगदान दिया है. मैदान पर सब
कुछ देने के अलावा नमिता टीम में युवाओं के लिए एक आदर्श रोल
टीम के साथियों, कोच और उड़ीसा का भी किया धन्यवाद
मॉडल भी रही हैं. कई खिलाड़ियों को अपनी राष्ट्रीय टीमों के लिए
168 मैच खेलने का मौका मिलता है और नमिता ने उनमें से हर
एक कैप अर्जित किया है. एक महान हॉकी खिलाड़ी होने के अलावा टोप्पो उन
अच्छे लोगों में से एक हैं जिन्हें मैं जानता हूं. वह हमेशा टीम को
पहले रखती हैं. मैं उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देता हूं.