भारतीय हॉकी में कईं महान खिलाड़ी हुए है जिनका नाम बड़े शान से लिया जाता है. ऐसी ही एक खिलाड़ी थे उत्तरप्रदेश के लखनऊ के बारांबाकी के के डी सिंह यानि कुंवर दिग्विजय सिंह जिनको सभी बाबू के नाम से जानते थे. उनका खेल बड़ा रोचक और अद्भुत था. उनके लिए न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान सीवी वाल्टर ने कहा था कि, ‘बाबू का खेल किसी कविता की गुनगुनाहट के समान है.’
हॉकी खिलाड़ी के डी सिंह पर लिखी गई किताब
ऐसे में उन महान खिलाड़ी के ऊपर उत्तरप्रदेश के जाने माने लेखक हिमांशु वाजपेयी ने जीवनी लिखी है. और 21 नवम्बर को यह कहानी सबके सामने रिलीज भी की जाएगी. हिमांशु ने इस बारे में कहा कि, ‘जब तक हम अपने अतीत के नायकं के बारे में नहीं जानते हम भविष्य में उनके जैसे और व्यक्ति कैसे बना सकते हैं. हमें देश के प्रति अपने नायकों के योगदान के लिए आभारी रहना चाहिए और इस तरह की कहानियाँ ऐसी ही व्यक्तियों को जानने का माध्यम होती है.’
लेखक ने आगे कहा कि, ‘दास्तान के डी सिंह बाबू की’ के साथ मेरा प्रयास खेल के दिग्गजों की एक शोध आधारित कथा प्रस्तुत करना है ताकि अधिक से अधिक लोग और विशेष रूप से युवा उनके बारे में जान सकें और उनकी महानता के बारे में जाने.’
के डी सिंह के बारे में बता दें कि उनका जन्म 2 फरवरी 1922 को उत्तरप्रदेश के लखनऊ से सटे बाराबंकी में हुआ था. हॉकी के जादूगर ध्यानचंद के साथ सिंह ने काफी खेल खेला है. इन्होने 1948 और 1952 के ओलम्पिक में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया था. यह साल उनकी जन्म शताब्दी के रूप में मनाया जा रहा है.
लखनऊ के लेखक वाजपेयी ने कहा कि, ‘मैं विशेष रूप से लखनऊ या अवध से सम्बन्धित विषयों से आकर्षित हूं. मैं सभी विषयों पर कहानियाँ सुनाना चाहता हूँ लेकिन लखनऊ या अवध से जुड़े विषय मुझे अतिरिक्त जिम्मेदारी की भावना से भर देते हैं.’