मेस्सी है इस सदी के सबसे महान खिलाडी, पिछले साल के वर्ल्ड कप फाइनल के बाद मेसी पेले और डिएगो माराडोना के साथ विश्व कप जीतने वाले महान खिलाड़ियों में शामिल हो गए, जिसने न केवल मेसी की बल्कि किलियन म्बाप्पे की महानता को प्रदर्शित किया। लेकिन वास्तव में यह सब एक उपलब्धि थी जिसने उन्हें बाकियों से अलग कर दिया। अब उनके पास भी वो लापता टुकड़ा है। लेकिन मेस्सी को इस मुकाम पर पहुँचने कुछ ज्यादा ही समय लगा या कहें तो भाग्य ने उनका काफी इम्तेहाँन लिया।
मेस्सी की प्रारंभिक शुरुआत
मेस्सी की प्रारंभिक शुरुआत के बारे मे हम सभी जानते है, क्यूँकि उनकी ज़िंदगी किसी से छीपी नही है। एक बहुत बड़े संघर्ष को लंबे समय तक देखना कठिन था। 13 साल की उम्र में यूरोप में उखाड़ फेंकना अनिवार्य रूप से चुनौतियां लेकर आया लेकिन उन्होंने पिच पर और उसके बाहर परिवर्तन को सहज बना दिया। यहां तक कि बचपन की प्रेमिका भी उनके साथ आई थी।उनके जीवन की विशेषता सफलता रही है।
कार्लोस मैक एलिस्टर, जो माराडोना के साथ खेले और जिनके बेटे एलेक्सिस अब मेस्सी के साथ विश्व कप विजेता हैं।उन्होंने एक बहुत बड़ा बयान दिया की उन्होंने हाल ही में कहा था कि मेसी पूरे इतिहास में महानतम हैं। मेस्सी के आंकड़े आकर्षक हैं। और फिर भी एक चेतावनी थी कि माराडोना ने लोगों को वे भावनाएँ दीं जो मेसी प्रदान नहीं कर पाए थे। लेकिन उन्होंने अपने अंदर के धेर्य को बिल्कुल खत्म नही किया।
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पास होकर भी बहुत दूर
मेस्सी को पता होगा कि ऐसा करने के लिए उन्हें दूसरों की ज़रूरत है, वह हमेशा एक टीम खिलाड़ी रहे हैं। वह सही प्रबंधक की आवश्यकता की याद दिलाने के लिए 2010 के बारे में सोच सकते हैं। वह 2014 के फाइनल में दूसरों के साथ-साथ अपनी गलतियों को भी याद करेंगे। जहाँ 2018 मे दुबारा वही गलती जहाँ फिर से आखरी समय की गलती ने फ्रांस को विजयता बनाया।
लेकिन उन्हे सायद लगा की एक और आखरी प्रयास जो सबसे अंतिम था कितने ही मैचेस्, न वो पुराना फॉर्म, न वो चपलता लेकिन मेस्सी चलते ही रहे और आखिर उन्होंने वो मंजिल हासिल की जिसका वो इतने सालों से इंतज़ार कर रहे थे। ये करना उतना ही मुश्किल था। जितना पास वापस पहुंचकर हार देखना बहुत ही बुरा होता लेकिन अंत मे अर्जेंटीना और मेस्सि की टीम ने वो कर दिखाया जिसके लिए वो दो वर्ल्ड कप से जुज रहे थे।