भारत की बेटियां हर जगह अपने हुनर का जलवा बिखेर रही है. ऐसे में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर खेल के मैदान में भी वह शानदार प्रदर्शन कर रही है. वहीं हॉकी के खेल में भी वह आगे बढ़कर हिस्सा लेते नजर आ रही है. हॉकी कोच प्रदीप कुमार ने बताया कि पहले की तुलना में 40 से 50 बेटियों में हॉकी खेलने के प्रति रूचि दिखाई है. बता दें मेरठ में जिस मैदान में हॉकी एस्ट्रोटर्फ का निर्माण हुआ है तब से हॉकी के प्रति युवाओं में भी ज्यादा रूचि बढ़ी है.
मेरठ की बेटियों ने हॉकी में दिखाई रूचि
यही कारण है कि अब युवा आधुनिक सुविधाओं के साथ अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर परफॉर्म करने के लिए आगे बढ़ी है. वहां जो भी खिलाड़ी प्रशिक्षण लेने के लिए पहुंचते है वह शानदार परफॉर्म करना चाहते हैं. और उनका एक ही सपना है कि वह अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर भारत की टीम को बेहतर परफॉर्म करा सकें.
बता दें मेरठ के एनएएस कॉलेज के मैदान में ही अर्जुन अवार्ड से सम्मानित हॉकी खिलाड़ी वन्दना कटारिया ने प्रशिक्षण प्राप्त किया था. अब इस मैदान में सबसे ज्यादा 90 बेटियां प्रशिक्षण के लिए आ रही है. पहले इनकी संख्या 40 के आसपास ही रहती थी. वहीं ट्रेनिंग में आ रही खिलाड़ी मानसी और सौम्य ने कहा कि वह वन्दना की तरह बनना चाहती है. बताते चलें कि एनएएस कॉलेज के मैदान में हॉकी सीख रहे खिलाड़ियों को कई तरीके से टूर्नामेंट में भाग लेने का मौका मिल रहा है.
यहां पर गरीब घर की बेटियों को भी खेलने का मौका मिलेगा. जानकारी के अनुसार बता दें कि हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान के निर्माण कार्य का आरम्भ 25 जून 2018 को हुआ था. और इसे बनते-बनते चार साल से ज्यादा का समय लग चुका है. इसको बनने में लागत पांच करोड़ 39 लाख 71 हजार रुपए आई है. इसका निर्माण कम्पनी उत्तरप्रदेश प्रोजेक्ट कारपोरेशन लिमिटेड मेरठ इकाई द्वारा किया गया है. इससे पहले इसका काम UPPCAL गाजियाबाद इकाई मैदान का निर्माण कर रही थी.