हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक जो दशकों से मेरठ
में संरक्षित थी उसे झाँसी ले जाया गया है.
उसकी देखरेख का काम कोच सतीश शर्मा और खेल अधिकारियों सहित खिलाड़ियों की एक टीम कर रही है.
हॉकी के जादूगर के बेटे अशोक ध्यानचंद को 117 वीं जयंती के मौके पर झाँसी
में यह हॉकी स्टिक सौपी गई. कोच सतीश शर्मा ने कहा कि यह हॉकी स्टिक 66 साल से अधिक पुरानी है.
ध्यानचंद जिसे हॉकी के दिग्गज के रूप में जाना जाता था 1956 में इसी हॉकी स्टिक के साथ अभ्यास करते थे.
यह हॉकी स्टिक अरूण शर्मा के पास थे जो हॉकी मेकर स्वर्गीय सोहन लाल शर्मा के पोते हैं.
मेजर ध्यानचंद पर बनेगी फिल्म
सोहनलाल के साथ मेजर ध्यानचंद काफी समय बिताते थे.
अरूण ने महान खिलाड़ी की स्मृति को जीवित रखने के लिए इसे अपने पास सुरक्षित रखा था.
उन्होंने आगे कहा कि हाल ही में अशोक ध्यानचंद ने उस हॉकी स्टिक के लिए अनुरोध किया था.
जब अरूण को इसके बारे में पता चला तो वह ख़ुशी-ख़ुशी उसे सौंपने के लिए तैयार हो गए थे.
इस स्टिक को अब झाँसी में एक स्पोर्ट्स म्यूजियम में रखा जाएगा जो वर्तमान में निर्माणाधीन है.
मेरठ के एक खेल स्टेडियम में हॉकी कोच भूपेश कुमार ने
कहा कि संग्रहालय में मेजर ध्यानचंद की हॉकी स्टिक बहुत सारे युवाओं को खेल के लिए प्रेरणा देती रहेगी.
इस अवसर पर झाँसी में एक खेल प्रतियोगिता भी आयोजित की जाएगी.
66 साल पुरानी हॉकी आज भी है मौजूद
वहीं बता दें कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद पर एक फिल्म भी बनने जा रही है
जिसमें भी इस हॉकी का जिक्र किया जाएगा. साथ ही झांसी के बारे में भी उस फिल्म में बताया जाएगा.
खबरों कि माने तो झांसी में ही फिल्म की शूटिंग होनी है.
जिसमें मेजर ध्यानचंद की जीवनी और उनके खेल के बारे में भी इस फिल्म में दिखाया जाएगा.
इसमें मेजर ध्यानचंद के जन्म से शुरू हुए संघर्ष और
ब्रिटिशकाल में ओलिंपिक के अंदर गोल्ड मेडल जीतने से लेकर उनके
अंत तक पूरी कहानी को भारत के लोगों को दिखाया जाएगा.