झारखण्ड के खूंटी जिले में हॉकी खिलाड़ियों की भरमार है. जिले के टकरा गांव के रहने वाले जयपाल सिंह मुंडा आजाद भारत से पहले ही देश के हॉकी खिलाड़ी रहे थे. जिन्होंने देश को पहला गोल्ड मेडल दिलाया था. वहीं अन्तर्राष्ट्रीय खिलाड़ी निक्की प्रधान पूरे देश में नाम हॉकी क्षेत्र में रोशन किया है. कभी बेटियों को पहनावे और बाहर निकलने पर कोसा जाता था. आज खूंटी की कई महिला हॉकी खिलाड़ी नेशनल खेल में भाग ले चुकी है. ऐसे में खूंटी की एक ओर बेटी एडलिन उभरती खिलाड़ी के रूप में नजर आने लगी है.
खूंटी की एडलिन ने किया शानदार कारनामा
एडलिन का परिवार दो वक्त की रोटी की जुगाड़ के लिए खून पसीना एक करके मेहनत कर रहे हैं. और उसी परिवार में की बेटी पूर्वी जोन अंडर-19 हॉकी चैंपियनशिप में कप्तानी निभा रही है. एडलिन बागे गांव के विद्यालय में उन्होंने अपनी पढ़ाई की थी. गांव के मैदानों में हॉकी खेलकर उन्होंने सीखा था. और आज इंटर की पढ़ाई करने के साथ-साथ खेल को शानदार तरीके से समझा था. आज वो झारखण्ड 19 पूर्वी जोन की कप्तान है. जो कि पूर्वी जोन के पहले मैच में बिहार को हराकर वुमेन ऑफ द मैच घोषित हुई है.
किसान पिता नमन बागे ने बताया कि वो और उनकी पत्नी आइलिन बागे मजदूरी करके अपने बच्चों को पढ़ा रहे हैं. पूर्वी जोन के पहले मैच में एडलिन ने दो किए थे. इसके बाद बिहार को 18-0 से हराया था. उनकी इस जीत में अच्छे भूमिका रही थी.एडलिन की अगुवाई में झारखण्ड दो राज्यों से जीत हासिल कर चुका है. गांव की बेटी हॉकी के खेल में उभरता चेहरा भी बनी है. बता दें एडलिन का सपना है कि सीनियर टीम में भी नेशनल टीम में पहुंचकर देश का नाम रोशन करें.
एडलिन ने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर यह खिताब हासिल किया है. इसके साथ ही खिलाड़ियों के लिए भी वह प्रेरणादायक रही है.