livehindustan.com साक्ष की एक छोटी सी प्रक्रिया, हिंदुस्तान दैनिक एक भारतीय हिंदी भाषा का दैनिक समाचार पत्र है। जो हिंदुस्तान टाइम्स का विशिष्ट हिस्सा है, जिसकी स्थापना 1924 में हुई थी, और औपचारिक रूप से 1927 में एक सीमित देयता कंपनी के रूप में स्थापित किया गया था। 1936 में, हिंदी दैनिक हिंदुस्तान लॉन्च किया गया था। इसके आरंभिक काल मे सवंत्रता संग्राम के कही किस्से इसमे प्रकाशित किए जाते थे। जो बाद मे भारत की पत्रिकता का एक अभिन्न अंग बन गया था। इसके प्रकाशक है अजय कुमार और इनके एडिटर है शशि शेखर।
बढ़ती टेक्नोलॉजी मे पत्रिका का विस्तार
आज के इस नवीन युग पत्रिका का जो आभुत विस्तार देखा गया है, कहा न्यूज़ पेपर की छापनी से आधुनिक परिवर्तन मे पत्रिका का स्वरूप भी बदलता आया है, लेकिन खबरो का जोश उसी तेजी से साथ ही संचार होता है,आज की तकनीकी युग मे खबरो की तेजी उतनी बढ़ गई है। जहाँ livehindustan.com की पकड़ भी बहुत असीम रही है। खबर की बारीकी हो या उनके तत्य एकदम साधे तारीखे से बताए जाते है।
livehindustan.com का कवर पेज अपने पारंपरिक रंगत को बनाए रखता है,लेकिन आंतरिक डिज़ाइन मे थोड़ा बहुत काम करने की आवश्यकता है, जिससे इसके निकार मे चार चाँद लग सकता है। खबर के स्तर मे आज तक कोई भी कमी नही देखी गई है, जिसके वजह से लोगो का अटुट विश्वास आज भी हिंदुस्तान के साथ जुड़ा हुआ है। जो इसकी परकाष्टा को आज भी विराजमान रखता है। कमी की तौर पर आपको इसमे ज्यादा देखने को नही मिलेगी लेकिन खबरो के एलाइंगमेंट पर ध्यान दिया जाए तो ये और भी विस्तृत लग सकता है।
एड्स प्लेसमेंट की प्रक्रिया
एक पत्रिका का सबसे बड़ा तुरुब का इक्का माने तो वो है उसमे प्रकाशित होने वाले एड्स, इसे पत्रिका की रीड की हड्डी भी मानी जाती है। जो इंकाॅम का सौर्स होता है,पर लेकिन इसकी एड प्लेसिंग बहुत ही निकट होने के कारण खबर को सही तरह से पढ़ा नही जा पाता है। लगभग ये ध्यान भटकाने के समान है, अगर इस पर कुछ सुधार किया जाए तो या एड्स की सही प्रणाली रखी जाए तो पढ़ने मे बहुत ही आसानी होगी, लेकिन ये प्रणाली सिर्फ हिंदुस्तान मे ही नही कही और संस्थाओ को भी करने की आवश्यकता है।
इससे खबरो को ज्यादा अच्छे से पड़ा जा सकेगा और ज्यादा तकलीफ भी नही होगी। एक और चीज जो लाइव हिंदुस्तान साइट को खूबसूरती को बिगाड़ रहा है वो है उनमे उजागर होने वाले पोप अप एड्स जो हमेशा बीच मे आ जाते है। ये बहुत ही अटकले पैदा कर देता है, जिसमे सुधार की सख्त आवश्यकता है। जो इसके ब्रांड मेकिंग को भी सही कर सकता है और बहुत आसानी से खबरो पर ध्यान दिया जा सकता है।
स्पीड और लोगो की राय
livehindustan.com की वेब स्पीड कमाल की है, एक अच्छे पत्रिका या संस्था का अच्छा होना, उसके बढ़ते समय के साथ बढ़ते स्वरूप को भी बदलते रहने पड़ता है। उदाहरण के तौर पर पहले पत्रिकाएँ पेपर मे छापी जाती थी, फिर उन्हे हर जगह पर भेजा जाता था। लेकिन आज के इस इंटरनेट और भाग दौड़ वाले दौर मे खबरो की पहुँच भी उतनी ही तेज होनी चाहिए। इस पर लाइव हिंदुस्तान ने अपने यूसर को कभी निराश नही किया है। उनके खबरो की प्रणाली भी बहुत तेज होती है।
कोई भी घटना हो या कोई भी क्रम का न्यूज़ livehindustan.com अपने पैनल मे जल्द अपलोड कर देता है, जिससे लोगो को पल पल की खबर मिल जाती है। आज का युग इंटरनेट का युग है लोग जितनी जल्द खबर को पढ़ते है उतनी ही जल्द भूलकर आगे बड़ने लग जाते है, और इनकी कवरेज प्रणाली भी बहुत बढ़िया है। लेकिन हाल ही मे कुछ यूसर्स ने इसके सलो कॉन्वेरशं पर निराशा जताई है। लेकिन इस पर हिंदुस्तान ने भी बयान दिया है तकनीकी खामी के कारण उनके साइट पर सुधार किया जा रहा है जिस वजह से ये समस्या उत्पन्न हुई थी,जो अब सही कर दी गई है।
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एक और बात जो लाइव हिंदुस्तान को सबसे अलग रखती है की वो अपने यूसर्स का सम्मान रखते है और उन्होंने यूसर्स ब्लॉग भी बनाया है जिसमे मे वे हिंदुस्तान के उपर अपने विचार प्रकट कर सकते है, जो दोनो के बीच एक बेहतरीन संबंध बनाए रखते है। कही यूसर्स ने अपनी राय भी बताई है उसमे से कुछ आपके समक्ष है
एक ने लिखा है वे दो साल से लाइव हिंदुस्तान ऐप का इस्तेमाल कर रहे है, उन्होंने जबसे इस न्यूज़ का इस्तेमाल किया है मुझे सारी खबर फट से मिल जाती है, यहाँ पर हर डोमेन का न्यूज़ मिल जाता है चाहे वो पॉलिटिक्स हो, खेल हो, या मनोरंजन हो आपको सभी खबरें बहुत ही जल्द मिल जाती है।
दूसरे यूसर ने लिखा की मे एक बहुत ही व्यस्त इंसान हूँ लेकिन मुझे खबर पढ़ना बहुत ही पसंद है। इसलिए मे लाइव हिंदुस्तान ऐप का इस्तेमाल करता हूँ, मे खेल समाचार मे बहुत रुची रखता हूँ और मुझे हर अपडेट मिल जाता है जिस वजह से मुझे कोई परेशानी नही होती है।
सभी पत्रिका का अपना मूल भूत सिद्दांत् है जो कभी आगे पीछे होते रहते है, livehindustan.com ने 100 सालों से खबरो का संचार किया है जो वाकई मे बहुत ही बेमिसाल बात है, आपको पता होगा या नही लेकिन हिंदुस्तान की आधार शीला स्वयम महात्मा गाँधी ने की थी। ये बहुत ही ताज्जुब और आश्चर्य की बात है,क्यूँकि इस 100 के भीतर कहीं नई संस्थाएँ आई, कुछ पुरानी संस्थाएँ गई लेकिन हिंदुस्तान अपने नक्शे कदम पर आगे बढ़ता ही चला गया। पपेर् के युग से लेकर आज की तेज तरार इंटरनेट प्रणाली तक का सफर बहुत ही कमाल का रहा है। हर एक पीढ़ी की यादे संजोर कर हिंदुस्तान अपनी राह पर आगे बढ़ता चला जा रहा है।
हाँ कुछ कमी आगे पीछे होती रही है पर इतने लंबे समय का इतिहास कुछ ही संस्थाएँ रख पाते है जिसमे हिंदुस्तान टाइम ने भी इसे बहुत ही अच्छे से संजोर कर रखा है। आने वाले समय मे मे हिंदुस्तान आने वाली कही बुलंदियो को छु सकता है, लेकिन उन्हे उनकी कुछ कमियो मे सुधार भी लाना होगा, जिससे वो और बेहतर तारीखे से आगे बढ़ सकते है क्यूँकि जैसे जैसे युग बढ़ता नई नई बाते आगे बढ़ जाती है।
