उत्तरप्रदेश के पीलीभीत की रहने वाली प्रगति सिंह ने अपने सपनों की उड़ान में पंख लगाए हैं. उन्होंने सारे अभाव झेलकर भी अपने सपने का सफर जारी रखा और उसे हासिल किया जरुर था. 15 साल पहले प्रगति सिंह ने गांधी स्टेडियम में कदम रखा था. गरीब परिवार की इस लड़की के पास तब हॉकी स्टिक खरीदने के पैसे भी नहीं थे. लेकिन आज वह ही लड़की 40 लड़कियों को प्रशिक्षण दे रही है.
प्रगति सिंह देती है 40 खिलाड़ियों को प्रशिक्षण
बता दें प्रगति सिंह के पिता चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. उनका भी निधन साल 2019 में हो गया था. इसके बाद उन्होंने ही घर की जिम्मेदारी निभाई और अपने लक्ष्य पर भी ध्यान रखा था. उनके घर में छह बहनें और एक भाई है. घर में शुरू से ही पैसों का अभाव था लेकिन उन्होंने अपने खेल के हुनर को जाने नहीं दिया. उन्हें शुरू से ही दौड़ने का शौक था. जब वह कक्षा आठ में पढ़ती थी तब ही उनके इस हुनर को शिक्षक सुखविंदर कौर ने जाना और उन्हें एथलेटिक्स की प्रतियोगिता में ले गई थी.
इसके बाद प्रगति ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और इसके बाद उन्होंने जिले और मंडल में नाम रोशन किया. इसके बाद डिग्री के लिए उन्हें कॉलेज में दाखिला लिया और वहां कॉलेज की हॉकी टीम में शामिल हो गई थी. इसके बाद उन्होंने राज्य स्तर और नेशनल लेवल पर खेला. इसके बाद उन्हें दिसम्बर 2022 में पीलीभीत की हॉकी कोच बनाकर भेजा गया था.
प्रगति बताती है कि साल 2012 में वह यूनिवर्सिटी की तरफ से श्रीनगर खेलने गयी थी. तब श्रीनगर की एक खिलाड़ी ने उनके सिर में स्टिक की मार दी थी. सिर में सात टाँके आए थे. इसके अलावा भी उन्हें पैर में चोट आए और पैर काटने तक बात आ गई थी. लेकिन सफल ऑपरेशन के बाद वह बच गया था. इसके बाद परिवार वालों ने उन्होंने कई बार हॉकी खेलने से रोका लेकिन उन्होंने किसी की भी नहीं सुनी. और अपने जोश और जज्बे के चलते हॉकी खेलना जारी रखा था.