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भारतीय ओलम्पिक संघ ने रविवार को सीजीएफ यानी राष्ट्रमंडल खेल महासंघ की एशिया और ओसियाना क्षेत्रीय बैहक का आयोजन रखा था. इस आयोजन में राष्ट्रमंडल खेलों में कबड्डी समेत दो अन्य खेलों को जोड़े जाने का प्रस्ताव भी रखा था. इसके साथ ही बताया गया कि कबड्डी खेल को कभी भी राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा नहीं बनाया गया है. जबकि भारतीय खिलाड़ी कबड्डी के खेल को काफी अच्छे से खेलते है. इतना ही नहीं कबड्डी खेल पूरे एशिया में काफी फ़ैल चुका है.
राष्ट्रमंडल खेलों में जोड़ने के लिए रखी गयी मीटिंग
आईओए यानि भारतीय ओलम्पिक संघ के अध्यक्ष पीटी ऊषा के नेतृत्व में यह मीटिंग का आयोजन किया गया था. सीजीएफ अध्यक्ष डेम लुईस मार्टिन और उनकी टीम से भारतीय खेलों के विस्तार की चर्चा की जा रही है. इस प्रतिनिधिमंडल में आईओए के कार्यवाहक सीईओ और संयुक्त सचिव कल्याण चौबे और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे थे.
भारत ने विश्वकप के तीन संस्करण जीते हैं. पिछला संस्करण 2016 में अहमदाबाद में हुआ था. जिसमें भी भारत ने जीत दर्ज की थी. कबड्डी विश्वकप का चौथा संस्करण होना अभी बाकी है. वहीं एशियाई खेलों के सभी संस्करणों में स्वर्ण पदक जीता है. 1990 में एशियाईं खेलों में कबड्डी को जोड़ा था. सिर्फ एक साल 2018 में जरुर भारत तीसरे स्थान पर रहा और कांस्य पदक जीता था. बाकी सभी संस्करणों में वह विजयी रहा है.
वहीं एशियाई कबड्डी चैंपियनशिप कि बात करें तो इसका पहला टूर्नामें साल 1980 में खेला गया था. जिसमें भारत ने बांग्लादेश को हराकर ख़िताब जीता था. इसके बाद भारत ने पिछले 10 चैंपियनशिप ख़िताब अपने नाम किया था. पिछला मुकाबला साल 2017 में खेला गया था जिसमें भारत ने पाकिस्तान को हराकर ख़िताब जीता था.
इसके साथ ही दक्षिण पूर्व एशियाई कबड्डी खेलों की शुरुआत साल 1985 में हुई थी. जिसके 11 सीजन खेले जा चुके हैं. जिसमें से भारत ने 10 सीजन जीते हैं. वहीं एकमात्र सीजन पाकिस्तान ने साल 1993 में जीता था. इस फाइनल में भी भारत को हराया था. बता दें भारत और पाकिस्तान के बीच सात बार फाइनल मुकाबला हुआ था. इससे पहले छह मौकों पर जीत हासिल की थी.
