इंग्लैंड टीम की एक क्रिकेट खिलाड़ी अब संन्यास लेकर अब हॉकी सीखाने को मजबूर हो चुकी है. इंग्लैंड की क्रिकेट खिलाड़ी लूसी पियर्सन ने इंग्लैंड टीम का हिस्सा बनकर उन्हें वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में टीम को पहुंचाया था. इतना ही नहीं उन्हें सर्वश्रेष्ठ महिला क्रिकेट खिलाड़ी के रूप में भी नवाजा गया था. लूसी ने अपनी गेंदबाजी से अन्तर्रष्ट्रीय क्रिकेट में काफी धाक जमाई थी लेकिन अब वह हॉकी सीखा रही है.
इंग्लिश क्रिकेटर लूसी ने संन्यास के बाद जमाया हॉकी में हाथ
हॉकी ही नहीं इस खिलाड़ी ने फुटबॉल में भी अपना हाथ आजमाया है. 19 फरवरी 1972 को जन्मी लूसी पियर्सन आज अपना 51 वां जन्मदिन मना रही है. उन्होंने इंग्लैंड के लिए अच्छा क्रिकेट खेला है और उन्होंने काफी अनुभव भी पाया है. लेकिन एक दुर्घटना के बाद उनका करियर समाप्ति की ओर चला गया और वह अब हॉकी सीखा रही है.
लूसी के डीएम पर ही इंग्लैंड टीम 2005 के वर्ल्डकप के सेमीफाइनल में पहुंची थे. लेकिन सरेस फ्रैक्चर की वजह से उन्हें क्रिकेट से संन्यास लेना पड़ा था. और लूसी ने बतौर खिलाड़ी सन्यास तो लिया लेकिन वह खेल की दुनिया को अलविदा नहीं कह सकी थी. इंग्लैंड क्रिकेट टीम से संन्यास लेने के बाद वह इंग्लिश टीचर भी बनी थी. वह इसके साथ ही बच्चों को हॉकी की ट्रेनिंग भी देने लगी. उन्होंने कॉलेज के दिनों में हॉकी को अपनाया था. और कॉलेज टीम में वह बेहतरीन हॉकी खिलाड़ी रही है.
इतना ही नहीं क्रिकेट से सन्यास लेने के बाद वह कॉलेज में रहकर बच्चों को हॉकी सीखाने लगी है. और हॉकी के गुर के साथ वह फुटबॉल और क्रिकेट की प्रैक्टिस भी बच्चों को कराने लगी है. चाहे उन्होंने क्रिकेट से सन्यास लिया हो लेकर खेल उनकी जिन्दगी से नहीं जा रहा है. काफी मुश्किलों से उन्होंने अपनी जिन्दगी को सम्भाला उसके बाद भी उन्होंने खेलों से नाता जोड़े रखा है. क्रिकेट छोड़ अब वह हॉकी से बच्चों का भविष्य सुधारने का प्रयास कर रही है.