राजस्थान के करौली जिले में महमदपुर के निवासी भूपेन्द्र गुर्जर ऐसे खिलाड़ी है जिन्होंने अपनी मेहनत और लगन के बलबूते पर कठिन डगर को भी आसानी से पार कर लिया है. एक छोटे से गांव महमदपुर के रहने वाले राजेन्द्र सिंह गुर्जर के बेटे भूपेन्द्र गुर्जर ने अपने जुनून के बलबूते पर गोल्ड मेडल हासिल किया है. पढ़ाई करने के साथ ही भूपेन्द्र का लगाव खेलों के प्रति जाग गया था. उन्होंने कबड्डी के खेल को ही अपना सपना बनाया और इस पर काम करने लगे थे. खेलो इंडिया नेशनल गेम्स जयपुर में अंडर 14 में स्वर्ण पदक जीत कर उन्होंने अपने परिवार का नाम रोशन किया है.
भूपेन्द्र ने छोटी सी उम्र में देखे बड़े सपने, किए उन्हें पूरे
बता दें भूपेन्द्र गुर्जर के पिता सैनिक है और उन्हें भी सेना में भेजना चाहते हैं. लेकिन इसके साथ ही भूपेन्द्र गुर्जर की रुचि खेलों में है. वहीं मीडिया से बात करते हुए भूपेन्द्र गुर्जर ने बताया कि, ‘उनकी इस उपलब्धि में उनके पता की अहम भूमिका है. मेरे पिता सैनिक है जबकि मां गृहणी है. उन्होंने आगे बताया कि परिवार ने हमेशा ही मेरा सपोर्ट किया है. अब मई में होने वाले नेशनल खेलों में भी भाग लेने जा रहा हूँ.’
भूपेन्द्र ने मीडिया से कहा कि, ‘हर वक्त पढ़ाई की बातें करने वाले माता-पिता को समझना होगा कि अब खेलों में भी बच्चों का करियर बन सकता है. खेलों की तरफ रुचि होना काफी अच्छी बात है. बच्चों को इसके लिए प्रेरित करना चाहिए और उन्हें उनके मनचाहे करियर को बनाने देना चाहिए.’
वहीं भूपेन्द्र के पिता राजेन्द्र गुर्जर ने बताया कि, ‘मेरी भूपेन्द्र से मैच के एक दिन पहले बात हुई थी और वह अपने मैच के लिए काफी विश्वस्त था. और ठीक वैसा ही हुआ और उन्होंने स्वर्ण पदक जीतकर हम सभी का नाम रोशन किया है.’ बता दें भूपेन्द्र गुर्जर अब स्वर्ण जीतने के बाद जापान में अपना प्रदर्शन दिखाएंगे. वे वहां देश का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे. जापान जाने से पहले भूपेन्द्र अच्छे से अपने कोच से ट्रेनिंग ले रहे है.