द्रोणाचार्य अवार्ड से सम्मानित हो चुके हॉकी कोच और मेंटर मर्जबान बावा पटेल हाल ही में एक कार्यक्रम में सम्मलित हुए थे. बांद्र में डॉन बॉस्को हाई स्कूल इस टूर्नामेंट में विजेता बना था. वहीं सेंट स्टैनिस्लास ग्राउंड में आयोजित अंडर-12 और अंडर-10 इंटर स्कूल हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया गया था. इस टूर्नामेंट का आयोजन सेंट स्टैनिस्लास ग्राउंड में किया गया था. वहीं दोनों वर्गों के फाइनल मुकाबले सेंट स्टैनिस्लास टीम हारी थी.
मर्जबान बावा मुंबई में एक कार्यक्रम से हुए प्रभावित
लेकिन मर्जबान बावा इस टूर्नामेंट से काफी प्रभावित हुए थे. युवाओं ने जिस तरीके से खेल का प्रदर्शन किया था उस शैली ने कोच का ध्यान खींचा था. वहीं इन दोनों टीमों के खिलाड़ी करीब नौ या दस साल के भी शामिल थे. इस दौरान उन खिलाड़ियों ने शानदार तरीके से हॉकी का प्रदर्शन किया था. मर्जबान ने कहा कि कुशलता से टर्फ की लम्बाई और चौड़ाई का इस्तेमाल किया और आत्मविश्वास के साथ कुछ अच्छे शॉट्स भी लगाए थे.’
कोच ने आगे कहा कि, ‘उनमें से कुछ के पास वास्तव में कुछ अच्छी कौशल प्रतिभा थी. और शानदार खेल के कारण उन्होंने मुझे काफी प्रभावित भी किया है.’ वहीं एक न्यूज़ रिपोर्ट को उन्होंने बताया कि अगर इस समूह को एक साथ रखा जाए और अगले दशक के लिए तैयार किया जा सकता है. साथ ही ऐसे वर्ग के अन्य खिलाड़ी भी भारतीय टीम में जाने की काबिलियत रखते हैं.
वहीं कोच ने अकः कि अगर कोई और इस काम को नहीं करना चाहता है तो मैं इस काम को करना चाहूँगा. भारत की इस तरह के खिलाड़ियों की जरूरत है. ओलंपिक बावा ने महसूस किया है कि खेल की राष्ट्रीय निकाय हॉकी इंडिया को भी इस आयु वर्ग के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करना चाहिए. और अंडर-10 और अंडर-12 प्रतियोगिता का आयोजन करने से ही अभी से इन खिलाड़ियों में खेल के बीज का रोपण हो जाएगा.’
बावा ने आगे कहा कि, ‘बेल्जियम और जर्मनी जैसे हॉकी के देश भी इसी उम्र में खिलाड़ियों को तैयार करते हैं. इसी तरह भविष्य में भी हम यह काम कर विश्व चैंपियन बन सकते हैं.