अर्जुन तेंदुलकर, जो कि सचिन तेंदुलकर के बेटे हैं, आईपीएल में मुंबई इंडियंस के लिए खेलते हुए नजर आए। हालांकि उन्हें पूरे सीजन नहीं खिलाया गया, लेकिन क्योंकि मुंबई इंडियंस इस टूर्नामेंट से बाहर हो चुकी थी, तो आखिरी के मैच में जाहिर था कि वह एक-दो युवाओं को मौका देंगे और उनसे उम्मीद करेंगे कि अच्छी परफॉर्मेंस देखने को मिले।
अगर बात करें अर्जुन तेंदुलकर की, तो उनका पहला ओवर काफी अच्छा था। उन्होंने मार्कस स्टोइनिस को एक गेंद पर लगभग आउट कर ही दिया था, लेकिन मार्कस स्टोइनिस ने तुरंत डीआरएस का सहारा लिया और वहां से पता चला कि वह गेंद स्टंप्स के ऊपर से जा रही थी।
यह लखनऊ के लिए एक चैलेंज था और अर्जुन तेंदुलकर, जो अपना आईपीएल 2024 का पहला मैच खेल रहे थे, एक अच्छे ओवर के बावजूद विकेट लेने में नाकाम रहे। फिर भी उनकी गेंदबाजी काफी सटीक थी और उसमें थोड़ी गति भी जुड़ चुकी है। इसी के साथ, वह अपने पहले दो ओवरों में थोड़े परिपक्व भी दिखे।
लेकिन एक और बात है जब वह गेंदबाजी कर रहे थे तब लखनऊ सुपरजायंट्स दबाव में थी। पहले ओवर में मात्र तीन रन के स्कोर पर उन्होंने अपना एक विकेट गवा चुके थे और मार्कस स्टोइनिस और केएल राहुल दोनों ही धीमी शुरुआत के लिए जाने जाते हैं। साधारणतः वह पहले कुछ गेंदों में रिस्क नहीं लेते और अपनी पारी को धीरे-धीरे आगे बढ़ाना ज्यादा सहज लगता है।
वानखेडे का मैदान भी गेंदबाजी के लिए अच्छा था, गेंदबाजों को मदद मिल रही थी और नई गेंद से तेज गेंदबाज स्विंग कराने में सफल हो रहे थे। यही एक मुख्य कारण था कि अर्जुन तेंदुलकर ने अपने पहले दो ओवर में मात्र 10 रन दिए थे, जिसमें पहले ओवर में उन्होंने सिर्फ तीन रन दिए थे।
लेकिन जब अर्जुन अपना तीसरा ओवर डालने आए, तब उनके सामने निकोलस पूरन थे, जो जबर्दस्त बल्लेबाजी कर रहे थे। जब पूरन बल्लेबाजी करने आए, तब लखनऊ का स्कोर 69 रन पर 3 विकेट था और 10 ओवर का खेल समाप्त हो चुका था।
लेकिन पूरन को क्रीज पर जमने में समय नहीं लगा क्योंकि वह एक लाजवाब खिलाड़ी हैं और नेचरली गिफ्टेड बैट्समैन हैं। इसमें कोई दो राय नहीं है कि जब वह अपने शिखर पर होते हैं, तो वह मैदान के चारों ओर शॉट खेल सकते हैं और पूरी ताकत और पावर के साथ किसी भी दिशा में खेल सकते हैं।
जैसे ही अर्जुन तेंदुलकर ने अपनी पहली गेंद पूरन को डाली, जो कि एक हाई फुल टॉस थी, पूरन ने उसे लेग साइड पर स्विंग किया और 90 मीटर का छक्का लगाया। उसके बाद, अर्जुन की दूसरी गेंद भी कुछ ऐसी ही फुलटॉस थी, जो कि पूरन ने स्क्वायर लेग रीजन में छक्के के लिए भेजी। दोनों छक्के काफी लंबे थे और पूरन फॉर्म में लग रहे थे, ऐसा लग रहा था कि वह 6 गेंद में 6 छक्के मार देंगे।
अर्जुन तेंदुलकर ने निकोलस पूरन को गेंदबाजी करने से किया मना
अब यहां कुछ ऐसा होता है कि अर्जुन गेंदबाजी करने से मना कर देते हैं। जब वह पहली गेंद डालने आए थे, तब भी लगा था कि उनकी नसों में खिंचाव है, लेकिन वह पूरे सीजन में एक ही मैच खेले थे, तो उन्हें फिट होना चाहिए था। उससे पहले उन्होंने दो ओवर डाले थे, लेकिन दो गेंदों पर दो छक्के खाने के बाद अर्जुन तेंदुलकर ने तीसरी गेंद डालने से मना कर दिया और वापस डगआउट चले गए।
जब वह वापस डगआउट गए, तो मैदान पर सीन कुछ देखने योग्य था। हार्दिक पांड्या खुश नहीं थे, उनकी जगह रोहित शर्मा मैदान पर आए, वह भी थोड़ा सरप्राइज थे और एक नर्वस हंसी थी कि आखिर हो क्या रहा है। वहीं पर नीता अंबानी, जो अक्सर मुंबई इंडियंस के मैच देखने आती हैं, वह भी अचंभित थीं कि क्या इतना आसान है कि आप बीच में गेंदबाजी रोक कर कहें कि मैं गेंदबाजी नहीं कर पाऊंगा जब आपको इतनी बड़ी समस्या न हो।
तो यह किसी को नहीं पता कि अर्जुन तेंदुलकर ने दबाव में आकर गेंदबाजी न करने का फैसला किया या वाकई में उनकी मांसपेशियों में खिंचाव था। लेकिन ऐसे युवा क्रिकेटर को गेंदबाजी करने के लिए जाना चाहिए था क्योंकि टूर्नामेंट का आखिरी मैच मुंबई के लिए था और इसके बाद कोई मैच नहीं था।
जब कोई बल्लेबाज आपके पीछे पड़ जाए और आप उसे गेंदबाजी करने से मना कर दें, तो यह बल्लेबाज के लिए बहुत बड़ी जीत होती है। हां, यह अलग बात है कि निकोलस पूरन एक बहुत बड़े खिलाड़ी हैं और अर्जुन तेंदुलकर का मुश्किल से 5 या 6 मैचों का अनुभव होगा, लेकिन उन्हें वह चैलेंज एक्सेप्ट करना चाहिए था और डटकर गेंदबाजी करनी चाहिए थी।
हालांकि जब वह मैदान के बाहर चले गए, तो उनकी जगह गेंदबाजी करने आए नवाब ने अपनी पहली गेंद पर छक्का खाया, लेकिन अच्छी बात यह थी कि उनकी चौथी गेंद पर चार रन दिए। कुल मिलाकर उस ओवर में 29 रन गए और दो गेंदबाजों ने मिलकर गेंदबाजी की।
आखिर में, निकोलस पूरन की 28 गेंदों में 75 रनों की पारी ही दोनों टीमों के बीच जीत और हार का अंतर रही। लखनऊ ने वह मैच आसानी से जीता और पूरन के बल्ले से निकले 8 विशाल छक्के उनके लिए प्लेयर ऑफ द मैच का सम्मान लेकर आए।