बेंगलुरु बुल्स की टीम प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) में एक बार टाइटल जीत चुकी है। उन्होंने छठे सीजन
का खिताब अपने नाम किया था। उसके बाद से टीम का प्रदर्शन अच्छा रहा है लेकिन वो फाइनल तक
नहीं पहुंच पाए। आगामी पीकेएल सीजन के लिए एक बार फिर बेंगलुरु बुल्स अपनी तैयारियों में
जुटी हुई है। कोच रणधीर सिंह की अगुवाई में सभी खिलाड़ी ट्रेनिंग कैंप में जमकर पसीना बहा रहे हैं।
टीम पिछले सीजन सबसे ज्यादा रेड प्वांइट्स के मामले में नंबर वन पर थी। बुल्स ने 24 मैचों में 534
रेड प्वांइट्स हासिल किए थे। टीम की तरफ से पवन सहरावत 304 रेड प्वांइट्स लेकर पहले और
भरत 115 रेड प्वांइट्स के साथ दूसरे स्थान रहे थे। हालांकि इस बार पवन सेहरावत टीम में नहीं हैं
तो देखने वाली बात होगी कि उनके बिना बेंगलुरु बुल्स किस तरह का प्रदर्शन करती है। विकाश कंडोला
के हाँथ में होगा बेंगलुरु बुल्स के जीत का सूत्र
बेंगलुरु बुल्स का मजबूत पक्ष –
डिफेंस है बेंगलुरू बुल्स की सबसे बड़ी ताकत
अगर बेंगलुरु बुल्स की टीम को देखा जाए तो 9वें सीजन में उनकी सबसे बड़ी ताकत उनका
डिफेंस है। टीम ने आठवें सीजन के अपने सभी प्रमुख डिफेंडर्स को ऑक्शन से पहले ही रिटेन
कर लिया था। महेंद्र सिंह, मयूर जगन्नाथ कदम, सौरभ नांदल और अमन जैसे डिफेंडर इस बार
भी टीम का हिस्सा होंगे। सौरभ नांदल का परफॉर्मेंस बीते सीजन काफी जबरदस्त रहा था। बीते सीजन
सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट के मामले में वो तीसरे पायदान पर रहे थे। उन्होंने कुल मिलाकर 63 टैकल
प्वॉइंट हासिल किए थे।
इसके अलावा टीम के एक और डिफेंडर अमन ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था और 23 मैचों में 51
प्वॉइंट हासिल किए थे। महेंद्र सिंह ने भी 20 मैचों में 31 प्वॉइंट हासिल किए थे। कुल मिलाकर सौरभ नांदल,
अमन और महेंद्र सिंह की तिकड़ी इस बार भी बेंगलुरु बुल्स की एक मजबूत कड़ी हो सकती है और टीम
को इनसे काफी उम्मीदें होंगी। डिफेंस बेंगलुरु बुल्स की एक बड़ी स्ट्रेंथ कही जा सकती है।
बेंगलुरू बुल्स का कमजोर पक्ष –
बेंगलुरु बुल्स के लिए उनकी सबसे बड़ी ताकत अभी तक पवन सेहरावत ही थे। वो एक ऐसे रेडर हैं जो
अकेले दम पर टीम को मैच जिताते थे। हालांकि इस सीजन वो बेंगलुरु बुल्स की जर्सी में नहीं दिखेंगे
और ये टीम के लिए एक बड़ा झटका है। पवन सेहरावत ने बीते सीजन लीग में सबसे ज्यादा 320 प्वॉइंट
हासिल किए थे। इसके अलावा सातवें सीजन में भी उन्होंने 24 मैचों में 360 प्वॉइंट हासिल किए थे और
छठे सीजन में 282 प्वॉइंट हासिल कर टीम को चैंपियन बनाया था। फाइनल में टीम को जिताने का श्रेय
उनको ही जाता है। ऐसे में पवन सेहरावत के टीम में नहीं होने से बेंगलुरु बुल्स की रेडिंग काफी कमजोर
हो गई है। टीम के पास कई ऐसे प्लेयर हैं जिनसे उनके फैंस को काफी उम्मीदें होंगी। रेडिंग में विकाश
कंडोला और भरत हैं जिनसे अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है। वहीं डिफेंस में सौरभ नांदल,
अमन और महेंद्र सिंह के ऊपर काफी ज्यादा दारोमदार रहेगा। ये खिलाड़ी अगर चले तो एक बार फिर
बेंगलुरु बुल्स टाइटल की रेस में बाकी टीमों को कड़ी चुनौती दे सकती है।