पिछले कुछ महीनों में शतरंज की दुनिया में काफी बड़ी हलचल मैच गई थी जब विश्व चैम्पीयन मैग्नस
कार्लसन ने अमेरिका के 19 वर्षीय खिलाड़ी GM हाँस नीमन पर मैच में चीटिंग करने का आरोप लगाया
था | दरहसल Sinquefield cup के दौरान नीमन ने कार्लसन के विरुद्ध एक मैच जीत लिया था जिसके
अगले ही दिन कार्लसन ने टूर्नामेंट से अपना नाम वापिस ले लिया था और टूर्नामेंट छोड़ने की कोई वजह
भी नहीं बताई थी |
ट्विटर के जरिए कार्लसन ने दिया बयान
इसके बाद एक ऑनलाइन टूर्नामेंट के दौरान जब कार्लसन और नीमन फिर एक दूसरे के सामने
आए तो कार्लसन ने पहली चाल चलने के बाद ही मैच छोड़ दिया जिसके बाद लोगों के मन में और
भी कई सवाल आने लगे सब कार्लसन से जवाब चाहते थे की उन्होंने ऐसा क्यूँ किया , कुछ समय
बाद कार्लसन ने ट्विटर के जरिए अपनी statement जारी की और कहा की उन्हें लगता है की नीमन
ने चीटिंग की थी इसलिए उन्होंने मैच छोड़ दिया था |
कार्लसन ने बिना सबूत के लगाए आरोप
कार्लसन के पास इसका कोई सबूत तो नहीं था की नीमन ने चीटिंग की है पर भी वो दावा कर रहे थे
की Sinquefield cup वाले मैच में नीमन ने धोखाधड़ी की है | इन सब के बाद नीमन ने खुद भी एक
इंटरव्यू के दौरान खुद का बचाव करते हुए कहा था की वो जब 12 वर्ष के थे तब एक ऑनलाइन मैच
के दौरान उन्होंने जरूर चीटिंग की है पर वो ऐसे इवेंट्स में कभी चीटिंग नहीं कर सकते जिनमें पुरस्कार
राशि दाव पर होती है | FIDE अभी भी इस केस की जानकारी कर रही है और उनको भी नीमन के
खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला है |
18 वीं सदी से देखी जा रही है शतरंज में धोखाधड़ी
शतरंज ऑनलाइन , व्यक्तिगत जैसे भी चाहे खेला जा सकता है और कई बार पुराने समय में भी मैचों
में अनुचित खेल का हिस्सा देखा गया है | पूर्व-व्यवस्थित ड्रा और कंप्युटर को धोखा देने तक प्लेयर्स ने
कई बार चीटिंग का रास्ता खोज निकाला है ,शतरंज के इतिहास में चीटिंग कई बार बड़े पेमाने पर भी
देखी गई है | 18 वीं और 19 वी सदी में कुछरचनात्मक चार्लटनों ने ऐसे डिवाइस तैयार किए थे जिन्हे
वो शतरंज खेलने की मशीन के रूप में चित्रित करते थे पर असल में वो शतरंज में चीटिंग के लिए
इस्तेमाल होते थे |
किसी टूर्नामेंट में मैच शुरू होने से पहले ही किसी प्लेयर को ड्रॉ करने के लिए मैच फिक्स करना भी
चीटिंग का काफी बड़ा रूप था , पलयर्स बेहतर पुरस्कार जीतने और अपनी ऊर्जा को संरक्षित करने
के लिए ऐसा करते थे | अमेरिकी विलक्षण प्रेस्टन वेयर ने 1880 में लोगों के सामने इस धोखाधड़ी का
खुलासा किया था और बताया था की पहले इंटरनेशनल टूर्नामेंट आयोजित होने के 30 साल बाद भी
ये ऐसा किया जाता है |
1962 में हुए कैनडिट टूर्नामेंट में जब GM बॉबी फिशर विश्व चैम्पीयनशिप तक पहुँचने की कोशिश
कर रहे थे वो उस टूर्नामेंट में चौथे स्थान पर रहे थे , बाद में उन्होंने उस इवेंट के टॉप 3 खिलाड़ियों
GM टिग्रान पेट्रोसियन, एफ़िम गेलर और पॉल केरेस आसानी से ड्रॉ बनाने का आरोप भी लगाया था
ताकि वो फिशर पर अपना फोकस ज्यादा कर सके | उस समय फिशर के इन आरोपों को काफी
गंभीरता से भी लिया गया था और candidates का फॉर्मैट बदल दिया गया था , राउंड-रॉबिन की
जगह 1965 से उसे एक elimination टूर्नामेंट के रूप में खेला जाने लगा था |
चीटिंग इंजन से प्लेयर्स ने की सबसे ज्यादा चीटिंग
जब शतरंज की दुनिया में चेस इंजन का आगमन हुआ था तब चीटिंग और भी ज्यादा बढ़ गई थी ,
अब प्लेयर्स ड्रॉ और परिणाम के साथ टूर्नामेंट फिक्स करने के बजाए कंप्युटर की मदद से गेम
जीतने की कोशिश करने लगे थे | इंजन दशकों से प्लेयर्स के मैच का परिणाम बदलते आ रहे है |
इसका एक उदाहरण 1993 में देखा गया था जब जॉन वॉन न्यूमैन नाम के एक खिलाड़ी विश्व ओपन
टूर्नामेंट में आए और वो अपना ज्यादातर समय छत पर या अंदर घूरने में बिताते थे , उन्होंने उस
टूर्नामेंट में ग्रंड्मास्टर के साथ एक गेम ड्रॉ किया था पर अगला गेम 9 वीं चाल पर ही हार गए थे
इससे साफ जाहीर हो रहा था की उनकी शतरंज स्किलस काफी खराब है | उन्होंने उस इवेंट में
4.5/9 का स्कोर बनाया था और यहाँ तक की इवेंट के एक समय पर कोई अज्ञात व्यक्ति उनके लिए
वहाँ आया था और एक चाल लिखने का इशारा भी कर रहा था और प्राइज़ के बिना ही वहाँ से चला
गया जो की था सर्वोच्च अनरेटेड फ़िनिशर के लिए , जब organizers ने उन्हें एक बैक-रैंक मेट-इन-टू
पज़ल हल करने के लिए कहा तो उसने कोशिश भी नहीं की |
2019 में दिखा कंप्युटर चीटिंग का सबसे बड़ा उदाहरण
कंप्युटर चीटिंग का एक और ऐसा ही उदाहरण 2019 में देखा गया था GM इगोर्स राउसिस की
ओर से ,बाथरूम स्टाल में एक फोन इंजन के साथ बातचीत करते हुए उनकी तस्वीर ली गई थी
और परिणामस्वरूप उन्हें छह साल के लिए बैन कर दिया गया था और इसी के साथ उन्होंने अपना
टाइटल भी खो दिया था | हालांकि राउसिस पहले खिलाड़ी नहीं है जो फोन का उपयोग करते हुए
पकड़े गए है इससे पहले GM गाओज़ निगालिद्ज़े ने भी ऐसा ही किया था , उस समय GM तिगरान
एल पेट्रोसियन थे जिन्हें निगालिद्ज़े पर संदेह हुआ था और फिर उन्होंने आर्बिटर को फटकार भी
लगाई थी जिसने फोन को स्क्रीन पर गेम की position के साथ पाया था | पाँच साल बाद पेट्रोसियन
को धोखा देते हुए फिर पकड़ा गया था जो उस समय 1962 में फिशर की शिकायतों के बाद से सबसे
बड़ा चीटिंग स्कैन्डल था | उस समय ऑनलाइन शतरंज फलफूल रहा था तब GM वेस्ली सो ने पेट्रोसियन
पर धोखाधड़ी करने के आरोप लगाए थे |
2012 में बोरिस्लाव इवानोव की कहानी भी कुछ इस प्रकार थी , उन पर आरोप लगाए गए थे की उन्होंने
अपनी पीठ या फिर जूते में एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस छुपाया हुआ था | 2013 में इवानोव ने एक निरीक्षण
से गुजरने के बजाय टूर्नामेंट के बीच ही शतरंज से रिटाइर होने का फैसला ले लिया था , उस साल
दिसंबर तक उन्हें बुल्गारिया के शतरंज महासंघ द्वारा स्थायी रूप से बैन कर दिया गया था |
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