कहा जाता है खिलाड़ियों का दूसरा घर उनके खेल का मैदान होता है. लेकिन जब मैदान का ही रख-रखाव ही सही ना हो तो खिलाड़ियों का भविष्य कैसे सुधरेगा. ऐसा ही कुछ हाल मध्यप्रदेश के खरगोन में स्थिक स्टेडियम का है. एमपी के प्रमुख जिलों में से एक खरगोन में बिस्टान रोड़ स्थित खेल और युवा कल्याण विभाग के स्टेडियम में अमेरिकन्न घास का काम हुआ था. जिसमें 90 लाख रुपए खर्च किए गए थे. लेकिन बगैर रख-रखाव के चलते यह घास खराब हो रही है और इसकी दुर्दशा दिखाई दे रही है. यहाँ के स्टेडियम का और मैदान का कोई रखरखाव नहीं किया जा रहा है.
खरगोन के खेल मैदान का नहीं हो रहा रखरखाव
इसके चलते खिलाड़ियों को उबड़-खाबड़ मैदान में ही प्रैक्टिस करनी पड़ती है. यहां हॉकी फीडर सेंटर और खेलो इंडिया स्माल हॉकी सेंटर का भी संचालन होता है. दोनों सेंटरों में 80 लड़के और लड़कियां हॉकी खेलते हैं. इतना ही नहीं इस मैदान पर अन्य खेलों के लिए खिलाड़ियों से प्रति खिलाड़ी के हिसाब से 100 रुपए भी वसूले जाते हैं. फिर भी घास का सही से रख-रखाव नहीं किया जा रहा है. जिले प्रसिद्ध स्टेडियम पर विभिन्न खेलों का आयोजन भी किया जाता है.
बत दें इस मैदान पर दो साल पहले ही घास का काम खत्म हुआ था. इस कीमती घास के कारण कई सैलून से जलने वाले रावण दहन का स्थल भी बदला गया था. वहीं खेल अधिकारी से इस बात की पुष्टि करनी चाही तो उन्होंने फ़ोन कॉल रिसीव नहीं किया और ना कुछ बोलने का प्रयास किया.
बता दें बाहर से खेलने आने वाले खिलाड़ियों से यहाँ 100 रुपए वसूले जाते है और 30 रुपए आईडी कार्ड के भी वसूले जाते हैं. इसकी गेट पर जांच भी की जाती है. इसके अलावा संस्था को खेल संचालित करना है तो तीन हजार रुपए भी देना होता है. इस राशि का उपयोग मैदान के नहीं हो रहा है.