प्रो कबड्डी लीग का नौवां सीजन 7 अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है.
यह टूर्नामेंट हैदराबाद , पुणे और बेंगलुरु में खेला जाना है. जिसको लेकर सभी टीमें तैयार है
और अपने-अपने टीम मेम्बर्स के साथ टूर्नामेंट की तैयारी में लग चुकी है.
इस बार प्रो कबड्डी लीग में दर्शकों का जमावड़ा भी देखने को मिलेगा.
प्रो कबड्डी लीग के नियम
पिछले सीजन में कोरोना के मद्देनजर यह नहीं हो पाया था.
वहीं प्रो कबड्डी लीग के नियमों की चर्चा करें तो इसके नियम अन्तर्राष्ट्रीय कबड्डी टूर्नामेंट से अलग बनाए गए है.
प्रो कबड्डी लीग में चालीस मिनट के मैच होते है. जिसमें दो हाफ में बांटा जाता है.
पहले हाफ यानी 20 मिनट के बाद टीमें कोर्ट चेंज कर लेती है.
वहीं कबड्डी में भी क्रिकेट के जैसे अम्पायर के फैसले को चुनौती देने का मौका मिलता है.
रिव्यु सिस्टम यहा भी होता है.
कबड्डी के कोर्ट पर दो लाइन्स होती है.
पहली लाइन क्रॉस किए बिना रेडर वापस नहीं लौट सकता है.
अगर वह ऐसा करता है तो वह आउट माना जाता है. क्रॉस लाइन के पीछे बोनस लाइन भी होती है.
अगर तेम में 6 से 7 खिलाड़ी मौजूद होते है और
रेडर क्रॉस लाइन को पार करके बोनस लाइन तक पहुंच जाता है तो फिर बोनस अंक भी मिलते है.
रिव्यु सिस्टम के बारे में जानकरी
वहीं दूसरे नियमों कि बात करें तो जब कोई रेडर एक रेड में तीन
या उससे अधिक अंक लेकर आता है तो उसे सुपर रेड कहते है.
रेडर दो खिलाड़ियों को आउट कर बोनस अंक भी लेकर आता है तो उसे भी सुपर रेड कहते है.
सुपर टैकल की बात करें तो टीम के अगर 3 या उससे कम खिलाड़ी कोर्ट में रहते है
और रेडर को आउट कर देते है तो इसे सुपर टैकल कहते है. जब कोई रेडर मैच में
अकेले 10 या उससे अधिक अंक हासिल कर लेता है तो उसे सुपर 10 कहते है.
वहीं जब कोई डिफेंडर अकेले पांच अंक हासिल कर लेता है तो उसे हाई फाइव कहते है.