कबड्डी का खेल गाँव के हर बच्चे से लेकर बड़ों तक के जहन में बैठा हुआ है. ग्रामीण ओलिंपिक में
कबड्डी का खेल हमेशा रोचक होता है जब दो टीमें आपस में टकराती है.
ऐसा ही कुछ देखने को जब राजस्थान में आयोजित ग्रामीण ओलिंपिक में कबड्डी की टीमें टकराई.
ग्रामीण ओलिंपिक में टकराई बुजर्गों की टीमें
ग्रामीण ओलिंपिक में क्या बच्चे क्या बूढ़े और क्या महिलाएं सभी खेलों में आगे आकर खेल में हिस्सा ले रही है.
इतना ही नहीं 70 साल के बुजुर्ग भी इन खेलों में हिस्सा ले रहे हैं. ऐसा ही कुछ नजारा देखने को मिला है.
बता दें धोलेरिया शासन में राजीव गाँधी ग्रामीण ओलिंपिक प्रतियोगिता के दौरान कबड्डी का मैच खेला गया था.
धोलेरिया शासन की ए और बी टीमों के बीच मुकाबला हुआ.
इस दौरान ए टीम में 65 साल के बुजुर्ग भगवानराम पटेल और दूसरी टीम में
70 साल के बुजुर्ग जोगसिंह राजपुरोहित ने दमखम दिखाया.
70 साल के बुजुर्ग जोगसिंह राजपुरोहित की टीम ने सामने वाली टीम को 13
अंकों से हराकर जीत दर्ज की. दिवांदी में स्कूली बच्चों की टीम और
बुजुर्गों के बीच कबड्डी का मैच खेला गया. हालांकि आयु वर्ग के अनुसार
बच्चों के सामने बुजुर्गों की टीम की जीत तय थी फिरभी बच्चों ने बुजुर्गों को हरा दिया.
बुजर्गों ने दिखाया कबड्डी में दमखम
राजस्थान में ग्रामीण ओलिंपिक की शुरुआत राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हुई थी.
जहाँ 11 हजार से ज्यादा ग्राम पंचायतों में लाखो खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं.
यह आयोजन अबसे हर साल किया जाएगा. वहीं सीएम अशोक गहलोत ने यह
भी घोषणा की हैं कि अगले साल जनवरी में शहरों के भी ओलिंपिक का आयोजन किया जाएगा.
जिससे नई प्रतिभाओं का विकास होगा और वही प्रतिभाएं आगे चलकर प्रदेश और देश का
नाम रोशन कर सकती है. ग्रामीण ओलिंपिक का मुख्य मकसद यही है कि हर गांव और ग्राम
से खिलाड़ियों की प्रतिभा को और निहारना है. खिलाड़ियों के अंदर खेल के विकास को बढ़ाना
ही इन आयोजनों का मुख्य मकसद है.