हरियाणा स्टीलर्स को अभी तक विवो प्रो कबड्डी के फाइनलिस्ट के रूप में शामिल नहीं किया गया है.
अकेले उन छह टीमों में से एक है जिन्हें अभी तक चैंपियन नहीं बनी है.
पिछले सीजन में धाकड़ बॉयज केवल दो अंकों से एलिमिनेटर के लिए चुक गए थे
और उन्हें अंकतालिका में सातवें नम्बर से संतोष करना पड़ा था.
लेकिन अब वह इसे सीजन 9 में नहीं दोहराना चाहेंगे.
हरियाणा ने टीम खरीदने के लिए सिर्फ चार करोड़ से भी कम रुपए खर्च किए है.
हरियाणा ने बनाई शानदार टीम
जो लीग में किसी भी अन्य टीम द्वारा खर्च किए पैसों से भी कम है.
मंजीत को टीम में लेने के लिए हरियाणा ने पूरी कोशिश की थी और
उन्हें 80 लाख में खरीदा गया था. बता दें कि इस खिलाड़ी ने
पिछले सीजन में तमिल टीम की तरफ से खेलते हुए बहुत शानदार प्रदर्शन किया था.
जिसमें इन्होने 6 सुपर टेन और 5 सुपर रेड्स लगाई थी.
वहीं बात करें विनय की तो उन्हें टीम में बरकरार रखा गया है
सिर्फ 15 मैच में खेलने के बाद भी इस रेडर ने 51 रेड अंक हासिल किए थे जो तारीफ़ के काबिल है.
टीम ने ऑक्शन के दौरान होनहार रेडर्स को अपने टीम के सदस्य बनाने में संकोच
नहीं किया था जिसमें केवल विनय और मीटू को ही टीम में पहले से जगह दी गई थी.
हरियाणा के लिए 69 वीं सीनियर नेशनल चैंपियनशिप में कांस्य पदक
जीतने के बाद मीटू की फॉर्म टीम के लिए अहम साबित होगी.
जीतने के लिए टीम के पास है अनुभवी खिलाड़ी
सीजन 2 से अनुभवी और दो बार के प्रो कबड्डी लीग के विजेता खिलाड़ी के पास अपार अनुभव है.
इसके अलावा राकेश नरवाल पर भी नजर रखी जाएगी जो की दूसरे सीजन
में डेब्यू करने के बाद हर सीजन में खेल चुके हैं.
वहीं दूसरी तरफ माहिर नितिन रावल को 37.50 लाख रुपए में चुना गया था.
ऑलराउंडर ने पिछले चार सीजन से लगातार जयपुर पिंक पैंथर के लिए प्रदर्शन किया था.