जौनपुर के 3600 स्कूल और कॉलेज में हॉकी की टीम नहीं है. आलम यह
है कि विश्वविद्यालय किसी तरह खिलाड़ियों को बाहर बुलाकर अपनी टीम बनाता है.
हॉकी के चुनिन्दा खिलाड़ियों को बाहर से बुलाकर पूर्वांचल विश्वविद्यालय
से सम्बद्ध महाविद्यालय में दाखिला दिलाया जाता है. जिसके बाद किसी तरह
हॉकी की टीम तैयार होती है. इसमें ज्यादातर खिलाड़ी SAI या किसी अच्छे
जौनपुर में नहीं हुई 18 साल से एक भी हॉकी प्रतियोगिता
हॉकी क्लब से बुलाए जाते हैं. जनपद में हॉकी की टीम तैयार करने के
लिए खिलाड़ी नहीं मिल रहे है. जौनपुर में हॉकी की दुर्दशा के बारे
में पड़ताल की गई तो पता चला कि 2004 में आखिरी बार हॉकी की
प्रतियोगिता हुई थी. जौनपुर के तिलकधारी महाविद्यालय में 1986-1992
तक तिलकधारी सिंह मेमोरियल हॉकी टूर्नामेंट का आयोजन किया जाता था.
इस टूर्नामेंट में ओलंपियन मोहम्मद शाहिद, नईक और विवेक सिंह
जैसे खिलाड़ी खेलने आया करते थे. 30 साल पहले हॉकी के खेल के
दिलचस्पी का आलम इस बात से लगाया जा सकता है कि 10 से 12 टीम प्रतियोगिता में हिस्सा लेती थी.
जनपद में हॉकी की टीम स्कूल और महाविद्यालय में नहीं बची है.
किसी तरह में जुगाड़ कर पूर्वांचल विश्वविद्यालय भी हॉकी की टीम
तैयार करता है. खिलाड़ियों की सूची बनाकर उनका दाखिला पूर्वांचल
विश्वविद्यालय से जुड़े हुए महाविद्यालयों में कराया जाता है. पुरुष और
महिला हॉकी टीम इसी तरह से तैयार की जाती है. जौनपुर के
3600 स्कूल में से किसी भी स्कूल के पास हॉकी की टीम पूरी नहीं है.
हालांकि जिले खेल में प्रोत्साहन के लिए तिलकधारी सिंह महाविद्यालय के
हॉकी ग्राउंड को तैयार कराया जा रहा है. इस बारे में शारीरिक शिक्षा
विभागध्यक्ष प्रोफ़ेसर शेखर सिंह बताते हैं कि हॉकी के प्रोत्साहन के लिए
डीएम मनीष कुमार वर्मा से गहन चर्चा की गई है. तिलकधारी सिंह
36 सौ स्कूल और महाविद्यालय की नहीं है टीम
महाविद्यालय के हॉकी ग्राउंड को चुना गया है. यहां पर हॉकी के
खेल में दिलचस्पी रखने वाले खिलाड़ियों को ट्रेनिंग प्रदान की जाएगी.