उड़ीसा के भुवनेश्वर और राउरकेला में धूमधाम से हॉकी का 15वां विश्वकप खेला जा रहा है. इस टूर्नामेंट में भारत समेत 16 देशों की टीमें भाग ले रही है. और इस विश्वकप में रोचक बात ये देखने को मिली है कि इसमें कई टीमों में दो सगे भाई भी साथ खेल रहे हैं. यह काफी रोचक होता है कि दोनों सगे भाई एक ही टीम से खेलते हुए दिखाई देते है.
विश्वकप की इन टीमों में खेल रहे हैं दो सगे भाई
भारत ने अपने पहले मैच में स्पेन को 2-0 से करारी शिकस्त दी थी. इस मैच में स्पेन के लिए दो सगे भाई खेलते नजर आए थे. जिसमें पाउ कुनिल और पेपे कुनिल नाम के दो खिलाड़ी खेल रहे थे. और दोनों सगे भाई हैं. वहीं ऐसे ही वेल्स टीम में भी दो सगे भाई साथ खेलते दिखाई दे रहे है. वेल्स टीम में जेरेथ फर्लोंग और रोड्रि फर्लोंग नामक दो खिलाड़ी खेल रहे हैं. वेल्स टीम ने दो लगातार झेली है और वो टूर्नामेंट से बाहर होने के पास खड़ी है. वहीं जर्मनी टीम में मैट्स और टॉम ग्रामबुश नाम के दो खिलाड़ी खेल रहे हैं.
वहीं स्पेन की तरह से हॉकी खेलने वाले पाउ कुनिल ने कहा कि, ‘परिवार का कोई साथ में अगर ऐसे बड़े टूर्नामेंट में खेल रहा हो तो मनोबल और बढ़ जाता है. आपके खराब समय में साथ देने के अलावा वह आत्मविश्वास भी बढाने के काम आता है. पाउ स्पेन में एक ही क्लब एटलेटिक टेरासा के लिए खेलते है. और वहां भी साथ में प्रदर्शन करते नजर आते हैं. उनका एक चचेरा भाई भी है गेरार्ड क्लेप्स वो स्पेनिश टीम से खेलता है.
पाउ ने आगे कहा कि, ‘मेटे पिताजी और माताजी दोनों भी हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी रहें हैं. मेरे दादाजी भी हॉकी के खिलाड़ी रहें है. आप कह सकते हो कि हम हॉकी का परिवार है. भारत में हॉकी खेलने का अनुभव काफी अच्छा है उर अलग भी है.’
उन्होंने आगे कहा कि, ‘भारत में हॉकी का स्तर काफी अल है. यहां बुनियादी ढांचा और लोगों को खेल से प्यार भी है. यही वजह है कि भारत हॉकी में इतना अच्छा प्रदर्शन कर पाता है.’