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हॉकी के फेमस टूर्नामेंट में वर्ल्ड कप है जिसमें हर देश की टीम अपना शानदार प्रदर्शन करती है. हर कोई टीम इस विश्वकप को जीतकर शीर्ष पर आना चाहती है. बता दें पुरुष हॉकीवर्ल्ड कप का आगाज काफी समय पहले से हो गया था. हॉकी की लोकप्रियता 60 और 70 के दशक में ही बढ़ने लगी थी. खासकर यूरोपीय देशों में इसका प्रसार काफी जोरों-शोरों से था. इसके बाद से ही एशियाई टीमों के लिए शानदार घड़ी आई जिसमें उन्हें हॉकी के खेल को ना सिर्फ एशिया में बल्कि और भी देशों की धरती पर खेलने का मौका मिलने लगा.
पुरुष हॉकी वर्ल्डकप का सफर
हॉकी की बढ़ती लोकप्रियता और एशियाई देशों के बाहर के भी हॉकी का प्रसार देखते हुए सभी देशों ने मिलकर हॉकी के वर्ल्डकप की अवधारणा को जन्म दिया. साल 1969 में अन्तर्राष्ट्रीय हॉकी फेडरेशन काउंसिल की बैठक में पाकिस्तान और भारत ने संयुक्त रूप से इस मुद्दें को उठाया. वर्ल्डकप से पहले हॉकी का सबसे बड़ा टूर्नामेंट बस ओलम्पिक ही था. साल 1971 में पहली बार हॉकी के विश्वकप का आयोजन किया गया था.
इसी साल हॉकी विश्वकप का आयोजन हुआ था. भारतीय सरजमी पर यह 15वां विश्वकप आयोजित किया गया था. जनवरी में खेले गए इस विश्वकप में भारतीय टीम का प्रदर्शन सही नहीं रहा था. और इसके साथ ही भारतीय हॉकी प्रेमियों का दिल भी टूटा था.
पाकिस्तानी पुरुष टीम जीती सबसे ज्यादा वर्ल्ड कप
बता दें जब से हॉकी विश्वकप का आयोजन हुआ है तब से ज्यादा बार पाकिस्तानी टीम ने इसे सबसे ज्यादा बार जीता है. बता दें हॉकी विश्वकप की शुरुआत साल 1971 में हुई थी. बता दें इस विश्वकप को पाकिस्तान ने ही सबसे पहले जीता था. इसके बाद इसका दूसरी बार आयोजन साल 1975 में हुआ था. जिसे भारत ने जीता था. बता दें भारतीय टीम बस एक बार ही इस विश्वकप को जीत चुकी है. अब तक वर्ल्ड के 15 सीजन हो चुके हैं. जिसमें से चार बार भारतीय टीम इसकी मेजबानी कर चुकी है.
कैसा रहा अन्य पुरुष टीमों का प्रदर्शन?
वहीं पाकिस्तानी टीम कि बात करें तो 1971 के बाद साल 1978, 1982 और 1994 में सबसे ज्यादा बार विश्वकप अपने नाम किया है. इसके बाद ही पाकिस्तानी टीम पिछले वर्ल्डकप में शामिल नहीं हो पाई थी. बता दें भारतीय टीम के साथ नीदरलैंड और स्पेन ने अभी तक आयोजित हुए सभी विश्वकप में भाग लिया है. वहीं पाकिस्तान ने 13 बार विश्वकप में भाग लिया है. वहीं ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड ने 14 बार इसमें भाग लिया है. बता दें हॉकी विश्वकप में पाकिस्तानी टीम को कोई टक्कर नहीं दे पाया है. हालांकि बता दें पाकिस्तानी टीम दो बार इसमें क्वालीफाई नहीं कर पाई है. वहीं ऑस्ट्रेलिया टीम तीन बार इस विश्वकप को जीतने में सफल रहा है. बता दें ऑस्ट्रेलिया टीम ने अब तक 92 मैच खेले हैं जो सबसे अधिक हैं. जिसमें से उन्होंने 69 मैचों में जीत दर्ज की है. वहीं उन्होंने ही सर्वाधिक गोल 305 किए हैं.
वर्ल्डकप में भारतीय टीम का प्रदर्शन
बता दें भारतीय टीम पिछले विश्वकप में न्यूजीलैंड से हार गई थी. उससे पहले भारतीय टीम का प्रदर्शन भी अच्छा नहीं रहा था. बता दें भारतीय टीम एक बार कुआलालम्पुर में आयोजित हुए विश्वकप में जीत दर्ज की थी. यह विश्वकप का आयोजन साल 1975 में हुआ था. वहीं बता दें अब तक विश्वकप में एक बार ही भारतीय खिलाड़ी टॉप स्कोरर हुआ है. साल 1982 में विश्वकप में राजिंदर सिंह ने 12 गोल किए थे जो अभी तक किसी भारतीय द्वारा किए गए सबसे ज्यादा गोल हैं. बता दें अब तक इस विश्वकप में कुल 26 टीमें हिस्सा ले चुकी है. वहीं वेल्स और चिली टीम नई टीम जुड़ी है. इसके साथ ही कुल 28 टीमें हो चुकी है. जो इस विश्वकप में भाग ले चुकी है. बता दें 14वें सीजन तक अब तक 605 मैच खेले जा चुके हैं. जिसमें 2433 गोल हो चुके हैं.
2018 वर्ल्ड कप में भारतीय टीम का प्रदर्शन
साल 2018 में भुवनेश्वर में हुए वर्ल्डकप पर अगर नजर डाले तो भारतीय टीम का प्रदर्शन कैसा रहा इस पर नजर डालते हैं. सबसे पहले लीग मैच कि बात करें तो भारतीय हॉकी टीम अपने ग्रुप में टॉप पर रही थी. उसका सबसे पहले मैच साउथ अफ्रीका से हुआ था जिसमें उन्होंने 5-0 से हराया था. बेहतरीन प्रदर्शन को लगातार जारी रखते हुए उन्होंने कनाडा टीम को 5-1 से हराया था. दोनों मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत का तीसरा मैच बेल्जियम के साथ हुआ था. उस विश्वकप की विजेता टीम बेल्जियम के साथ खेलते हुए भारत ने मैच 2-2 से ड्रॉ करा दिया था.
भारत ने लीग स्टेज में शानदार प्रदर्शन कर क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई थी लेकिन भारतीय टीम का सफर यहीं पर खत्म हो गया था. नीदरलैंड के खिलाफ मैच में उन्होंने पहला गोल कर टीम पर दबाव जरुर बनाया था. लेकिन इसके बाद टीम ज्य्यादा कमाल नहीं कर पाई थी. वहीं क्वार्टरफाइनल में नीदरलैंड ने फिर भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया. और भारत को 2-1 से हरा दिया था. और इसी के साथ भारतीय टीम विश्वकप से बाहर हो गई थी.
विश्वकप में भारत की मेजबानी
वहीं बता दें भारतीय टीम ने चार बार इस विश्वकप को अपने घर में आयोजित किया है. सबसे पहले भारत ने साल 1982 में इस विश्वकप को आयोजित किया था. जिसे पाकिस्तान ने ही जीता था. इसके बाद भारत ने इस विश्वकप को साल 2010 में आयोजित किया था. जिसे नई दिल्ली में आयोजित किया गया था. इस विश्वकप को ऑस्ट्रेलिया टीम ने जीता था. वहीं बात करें 14वें विश्वकप की तो इसे उड़ीसा में आयोजित किया गया था. इस विश्वकप बेल्जियम ने जीता था. वहीं बता दें कि इस बार का विश्वकप भी भारतीय सरजमी पर हुआ था. जिसे उड़ीसा के राउरकेला और भुवनेश्वर में आयोजित किया था. जिसमें जर्मनी ने जीत हासिल की थी. बता दें इस विश्वकप में भारतीय टीम ने न्यूज़ीलैंड को हराया था.
बता दें 15वें विश्वकप की मेजबानी उड़ीसा के राउरकेला और भुवनेश्वर में हुई थी. बता दें यह आयोजन राउरकेला में बिरसा मुंडा इंटरनेशनल हॉकी स्टेडियम में हुआ था. यह विश्व का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम हैं. उड़ीसा सरकार ने इस विश्व का सबसे बड़ा हॉकी स्टेडियम का दर्जा दिया है. यह 21000 दर्शकों की क्षमता वाला स्टेडियम है. और यह सबसे बड़ा स्टेडियम भी दर्ज हुआ है. बता दें इसमें 16 टीमें शामिल हुई थी. जिसमें से 20 मैच राउरकेला में आयोजित हुए थे.
विश्वकप में दो सगे भाईयों का साथ
स्पेन के लिए दो सगे भाई खेलते नजर आए थे. जिसमें पाउ कुनिल और पेपे कुनिल नाम के दो खिलाड़ी खेल रहे थे. और दोनों सगे भाई हैं. वहीं ऐसे ही वेल्स टीम में भी दो सगे भाई साथ खेलते दिखाई दे रहे है. वेल्स टीम में जेरेथ फर्लोंग और रोड्रि फर्लोंग नामक दो खिलाड़ी खेल रहे हैं. वेल्स टीम ने दो लगातार झेली है और वो टूर्नामेंट से बाहर होने के पास खड़ी है. वहीं जर्मनी टीम में मैट्स और टॉम ग्रामबुश नाम के दो खिलाड़ी खेल रहे थे.
