भारत आने वाले नए साल में हॉकी पुरुष विश्वकप का आयोजन करने के लिए तैयार है. नए वर्ष के मौके पर उड़ीसा राज्य पुरुष हॉकी विश्वकप की मेजबानी करने के लिए पूरे जोर-शोर से तैयारी कर रहा है. इसका आयोजन 13 जनवरी से 29 जनवरी तक रहेगा. इसका आयोजन भुवनेश्वर और राउरकेला जैसे बड़े शहरों में किया जाएगा. इस टूर्नामेंट में भारत समेत विश्व की 16 टीमें भाग लेगी. सभी टीमों को चार भागों में बांटा गया है. वहीं इन ग्रुप स्टेज मैचों में टाई ब्रेकर नियम काफी लाभदायक रहता है. तो आइए जानते है टाई ब्रेकर नियम क्या होता है और ये कैसे काम करता है.
टाई ब्रेकर नियम रहेगा हॉकी विश्वकप में लाभदायक
सबसे पहले बता दें इन 16 टीमों को चार ग्रुप में बांटा गया है. प्रत्येक ग्रुप में चार टीमें शामिल है. वहीं भारत को पूल डी में रखा गया है. इस ग्रुप में भारत के साथ वेल्स, इंग्लैंड और स्पेन टीमें भी शामिल है. वहीं इन चारों ग्रुप्स की शीर्ष टीमों ही क्वार्टरफाइनल में प्रवेश कर पाएगी.
वहीं पूल स्टेज पर जीतने वाली टीम को दो अंक दिए जाएंगे. और वहीं मैच ड्रॉ होता है तो दोनों टीमों को एक-एक अंक मिलेगा. वहीं अगर दो टीमों के टेबल पॉइंट्स में बराबर अंक है तो टाई-ब्रेकर नियम के जरिए ग्रुप स्टेज में टीमों को रैंकिंग के आधार पर निर्णय किया जाएगा.
वहीं टाई ब्रेकर के बारे में समझा दें कि ग्रुप स्टेज में सबसे ज्यादा जीत दर्ज करने वाली टीम ही उच्च रैंक प्राप्त करेगी. वहीं अगर शीर्ष दोनों टीमों के अंक और मैचों कि संख्या बराबरी पर हुई तब ऐसे में गोल अंतर और गोल खाने के अंतर के आधार पर निर्णय किया जाएगा. जिस भी टीम का गोल अंतर अच्छा होगा उसे उच्च रैंक प्राप्त होगी. वहीं सबसे ज्यादा गोल करने वाली टीमों को उच्च रैंक प्राप्त होगी. वहीं अगर दोनों टीमों के गोल करने की संख्या भी बराबर है तो दोनों टीमों के बीच खेले गए मैचों के रिजल्ट के आधार पर ही टीम को उच्च रैंक प्रदान की जाएगी.