हाल ही में आयोजित हुए राष्ट्रीय खेलों में महाराष्ट्र के दमदार खिलाड़ी गावकर ने एक ऐसा गोल किया जिससे वह रातों रात सुर्ख़ियों में आ गए थे. लेकिन उनके इस गोल के पीछे रात-दिन की मेहनत थी. 21 वर्षीय खिलाडी ने दैनिक सत्र समाप्त होने के बाद स्टिक पर गेंद को संतुलित करते हुए मैदान पर लगभग 40 मीटर दौड़ते थे. वह गेंद को लेकर जाते और उसे गोल में दाल देते थे. और यहाँ तक कि गोलकीपर को अचम्भित करने के लिए शरीर को इधर-उधर घुमाते हुए गोलपोस्ट तक पहुँचते हैं.
गावकर ने काफी मेहनत की है अपने स्पेशल गोल के लिए
उस दौरान मैच में भी महाराष्ट्र और हरियाणा 2-2 के स्कोर पर बराबर थे जिससे मैच टाई ब्रेकर में बदल गया था. शूटआउट शुरू होने के बाद गावकर ने देखा कि हरियाणा का गोलकीपर खुद को बहुत आगे नहीं बढ़ा रहा था. वह कुछ कदम उठाता और उसका इन्तजार करता है. इससे उन्हें उस चाल को अंजाम देने का मौका मिला जिसका उन्होंने बहुत अभ्यास किया था लेकिन मैच में कभी इस्तमाल नहीं किया था.
उन्होंने इसके बारे में बात करते हुए कहा कि,’ अगर वह आगे आ रहा होता तो मुझे दौड़ते हुए ऊपर देखना पड़ता. इससे मर ध्यान गेंद से हट सकता था और संतुलन प्रभावित हो सकता था. क्योंकि वह एक ही स्थान पर रहता था मुझे उसकी स्थिति के बारे में चिंता करने की जरूरत नहीं पड़ी थे और मैं अपने गोल पर ध्यान रखता हुआ उस तरफ दौड़ा.’
मैच के दौरान जब गावकर की बारी आई तो उन्होंने अपने रनअप की शुरुआत से ही गेंद को घुटने की ऊंचाई से थोडा ऊपर उठा लिया और बिना छोड़े आगे बढ़ते रहे. लगभग 12 लम्बी स्ट्राइड के बाद आगे झुकते हुए और गेंद को स्टिक पर संतुलित करते हुए वह गोलकीपर के एक दो गज के भीतर आ गया.
बता दें गावकर राष्ट्रमंडल खेलों में भारत के शिविर के लिए चयनित हुए थे लेकिन उनकी बहिन के निधन के बाद वह मैच में नहीं खेल पाए थे.