जॉर्जिया स्टैनवे ने कहा सचाई की जीत हुई है, इंग्लैंड की महिला फुटबॉल खिलाडी ने लुइस रुबियल्स के इस्तीफे के बाद अपनी खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि आखिरकार सच ने अपना स्वरूप दिखा दिया। मुझे पता था, की सच ज्यादा दिन चुप नही बैठता, हेर्मोसो के साथ जो हुआ वो बहुत बुरा था। हमने भी उनके स्पोर्ट पर अपनी आवाज़ उठाई है। उन्होंने कहा हमारा संकल्प है, हम लड़ते रहेंगे।
हर जगह से बढ़ा दबाव
रुबियल्स द्वारा वर्ल्ड कप के फाइनल मे हेर्मोसो को होठों पर चुमने पर बहुत बड़ा बवाल खडा हो गया। यहाँ तक की स्पेन ही नही दुनिया भर के सारे महिला खिलाडियों ने इस पर अपना विरोध जताया था।स्पेन की पूरी विजयी टीम ने उनके पद पर बने रहने तक अपने देश के लिए दोबारा खेलने से इनकार कर दिया, कई अन्य स्पेनिश खिलाड़ियों ने कहा कि वे अपनी राष्ट्रीय टीम का बहिष्कार करेंगे, जबकि मुद्दा अनसुलझा रहेगा और भी बहुत कुछ जहाँ इंग्लैंड की महिला खिलाडी भी उनका साथ दे रहीं थी।
स्टैनवे ने बायर्न म्यूनिख महिला प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कहा कि आखिरकार हफ्ते के अंत में उनके प्रस्थान के साथ एक स्थिति सामने आई, जो बदलाव के लिए मजबूर करने में उन संयुक्त बलों की शक्ति को दर्शाता है। अब एक परिणाम आ गया है। हमने खिलाड़ियों, कर्मचारियों, पत्रकारों के रूप में संघर्ष किया है। हम चाहते हैं कि महिलाएं कार्यस्थल पर सहज महसूस करें, न की कोई दबाव अपने उपर मेहसूस करे।
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वर्ल्ड कप हार का दुख
अपनी वर्ल्ड कप की हार का भी उन्होंने जिकृ करते हुए कहा जब आप इतनी दूर जाते हैं तो यह निराशाजनक होता है, उसने कहा। हम इतनी दूर चले गए और इतने करीब आ गए। हमने सात मैच खेले लेकिन जीत नहीं सके। मैं ठीक हो गया हूं, कुछ दिनों बाद मैं निराश हो गया था और माता-पिता मुझसे छुटकारा पाकर खुश थे क्योंकि मैं सबसे मनोरंजक नहीं था।सही समय आने पर मैं इस पर कार्रवाई करूंगा और अब बायर्न पर ध्यान केंद्रित करने का समय है।
पिछले तीन हफ्ते में जो हुआ, वह गड़बड़ है लेकिन साथ ही, यह सही धक्का भी हो सकता है। हम इस प्रक्रिया में तेजी ला सकते हैं. हम चीजें बदल सकते हैं। हम इसका उपयोग अच्छे कार्यों के लिए कर सकते हैं। मुझे लगता है कि यही सकारात्मक रास्ता है। अब जो हुआ हम उसे बदल नही सकते है बस आशा करती हूँ की सब कुछ इसके बाद सहजता से चले।