जॉर्डन हेंडरसन को चिड़ाए जाने पर साउथगेट ने उठाए सवाल, अगर कोई बाहर वाला आपकी निंदा करे तो बात अलग है समझ आता है लेकिन जब आपके अपने आपके उपर सवाल उठाते है या आपकी निंदा करते है उससे बड़ा दुख कुछ और नही हो सकता कुछ इसी का विवरण इंग्लैंड के कोच साउथगेट ने ऑस्ट्रेलिया के द्वारा के खिलाफ मिली जीत के दौरान कहा।गैरेथ साउथगेट का कहना है कि उन्हें यह समझ नहीं आ रहा है कि जब जॉर्डन हेंडरसन को दूसरे हाफ में सुब्स्टिटूट किया गया तो उनकी आलोचना क्यों की गई।
हैरी केन की जगह हेंडरसन बने कप्तान
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए फ्रेंडली मुकाबले मे बेंच पर हैरी केन थे, साउथगेट ने वेम्बली में फ्रेंडली के लिए हेंडरसन को अपना कप्तान नियुक्त किया, जिसमें ओली वॉटकिंस ने खेल का एकमात्र गोल किया।लेकिन हेंडरसन जिन्होंने समर में लिवरपूल छोड़ने और सऊदी प्रो लीग की ओर से अल एत्तिफ़ाक में जाने का विवादास्पद निर्णय लिया था, जब 62वें मिनट में उनकी जगह केल्विन फिलिप्स को लिया गया तो वेम्बली भीड़ के एक वर्ग ने उनकी आलोचना की।
साउथगेट ने मैदान मे जो हुआ उसकी टिपणी देते हुए कहा, मैं वास्तव में इसे समझ नहीं पा रहा हूं। वह एक खिलाड़ी है, उसने इंग्लैंड के लिए 79 मैच खेले हैं, उसकी प्रतिबद्धता और उसने इंग्लैंड के लिए जो किया है वह असाधारण है।उन्होंने बेलिंगहैम जैसे लोगों को अपने अधीन कर लिया है। वह अपने काम के हर हिस्से में समूह के लिए एक आदर्श हैं। लेकिन फिर भी लोगो का उसको लेकर मज़ाक बनाना मुझे ये बिल्कुल भी समझ नही आ रहा है।
पढ़े : क्या रैम्सडेल और आर्टेटा के बीच है टकरार
आपको अपनी टीम का समर्थन करना होगा
आचानक उनके आते ही लोगो ने unkir आलोचना शुरू कर दी मैं वास्तव में समझ नहीं पा रहा हूं कि यह किस लिए है। हम मंगलवार को यहां इटली से खेलेंगे, आइए इस टीम के पीछे चलें। मैं जानता हूं कि आज रात हम अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन नहीं कर पाए, लेकिन हमने कई बदलाव किए। यह एक ऐसी टीम है जो बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रही है और वे सभी हर तरह के समर्थन के पात्र हैं।हम हेंडरसन के सभी खेलों की समीक्षा कर रहे हैं। मुझे लगता है कि उसने आज काफी हद तक चीजों को बुना और एक साथ रखा।
आपको नेतृत्व की आवश्यकता है, हमारे पास मैदान पर बहुत सारे कैप नहीं थे इसलिए खेल से पहले हेन्डो का प्रभाव था।लिवरपूल के कप्तान के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान LGBQTU+ अधिकारों के मुखर समर्थक हेंडरसन को समर ट्रांसफर विंडो के दौरान अल एत्तिफ़ाक में जाने के लिए व्यापक आलोचना का सामना करना पड़ा है। सऊदी अरब में समलैंगिकता गैरकानूनी है और इसके लिए मौत की सज़ा हो सकती है। इसलिए इंग्लैंड kके लोगो की तरफ से उन्हे ये आलोचना सेहनी पड़ रही है।