ओलम्पिक खिलाड़ी रहें और मेजर ध्यान चंद के बेटे अशोक ध्यानचंद इटारसी में मौजूद रहे थे. उन्होंने गांधी मैदान में खिलाड़ियों को और बच्चों को हॉकी से जुड़े टिप्स दिए थे. वह यहां पर एक निजी कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए थे. वहीं हॉकी फीडर सेंटर के बच्चों को उन्होंने हॉकी के गुर सिखाए थे. निजी कार्यक्रम में आने के बाद भी उन्होंने हॉकी के जुनून को नहीं छोड़ा था. वहीं खिलाड़ियों को हॉकी सिखाने पहुंच गए थे.
इटारसी में पहुंचे अशोक, खिलाड़ियों से की मुलाकात
इस दौरान हॉकी खिलाड़ियों ने उनका स्वागत भी किआ था. वहीं जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष प्रशांत जैन ने भी उनका स्वागत किया था. वहीं इस दौरान कार्यकारी अध्यक्ष शिरीष कोठारी मौजूद रहे थे. वहीं जयराज सिंह भानू और वरिष्ठ खिलाड़ी राजेन्द्र सिंह तोमर भी मौजूद रहे थे. इस दौरान वहां मौजूद सभी खिलाड़ियों ने उनका शाल ओड़कर स्वागत किया था.
इस दौरान अशोक ध्यानचंद ने बच्चों को सम्बोधित किया था. उन्होंने कहा कि बच्चों को शिक्षा के साथ खेलों में भी ध्यान देना चाहिए. खेलों में भी बच्चों का भविष्य बन सकता है. मैदान पर रहकर भी बच्चों में अनुशासन और सही संगत का असर हो सकता है.
उन्होंने आगे कहा कि, ‘सरकार इसे आगे बढ़ाने के लिए कुछ सही कदम उठा रही है. लेकिन कबड्डी और क्रिकेट से हटकर लोगों को हॉकी को भी समर्थन देना चाहिए. आजकल हॉकी के खिलाड़ियों का सम्मान भी नहीं हो रहा है.’ इस मौके पर विजेता टीमों को सम्मानित किया गया था. साथ ही खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया था. इसके साथ ही दर्शकों ने बड़ी संख्या में खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाया था.
अशोक ध्यानचंद ने कहा कि, ‘वहीं आधुनिक युग में कंधे के बल पर पॉवर हॉकी खेली जा रही है. हॉकी में भले ही तरक्की हुई है लेकिन जीत के तो कोशश और मेडल लाने का एक जुनून होता है वो आज कम हो रहा है. इससे हॉकी के लिए खिलाड़ियों का मनोबल घट रहा है.’