फील्ड हॉकी के पूर्व खिलाड़ी और हॉकी इंडिया के पूर्व तकनीकी निदेशक रिक चार्ल्सवर्थ (Ric Charlesworth) ने भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) में आए तीव्र बदलाव के बारे में बोलते हुए कहा कि भारतीय हॉकी (Indian Hockey) अब अब दूसरी टीमों की तरह काम करने छोड़ दिए हैं, इंडियन हॉकी अब किसी की नकल करने की बजाय अपने रास्ते खुद चुनने लगी है.
रिक चार्ल्सवर्थ (Ric Charlesworth) ने एक इंटरव्यू में कहा कि एक दौर ऐसा आया जब भारतीय हॉकी ने अपना खेल खेलना के बजाय दूसरे लोगों की नकल करने की कोशिश करने लगे थे, हालांकि अब भी उस चलो से वापस आ गए हैं जहां उन्हें अब लगने लगा है कि उनके पास मौजूद कौशल इस्तेमाल करना चाहिए और अन्य टीमों को उनकी नकल करने देना चाहिए.
चार्ल्सवर्थ (Ric Charlesworth) ने कहा कि या नजरिया में भारतीय हॉकी टीम (Indian Hockey Team) का बदलाव है जिसे मैंने पिछले 10-15 सालों में विकसित होते देखा है और यह अब नतीजों में भी लगातार झलक रहा है.
उन्होंने कहा कि भारत की पुरुष हॉकी टीम (Indian Men’s Hockey Team) हो या महिला हॉकी टीम पिछले कुछ सालों में दोनों ही टीमों ने अपना शानदार प्रदर्शन किया है जहां पुरुष हॉकी टीम ने टोक्यो ओलंपिक्स 2020 (Tokyo Olympics 2020) में कांस्य पदक जीतने के बाद 2022 में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक अपने नाम किया तो वहीं दूसरी तरफ महिला टीम ने राष्ट्रमंडल खेलों में शानदार प्रदर्शन करते हुए कांस्य पदक जीता था.
भारतीय हॉकी ने पिछले कुछ सालों में एक स्थिर विकास किया है: Ric Charlesworth
रिक चार्ल्सवर्थ (Ric Charlesworth) ने कहा कि भारतीय हॉकी ने पिछले कुछ सालों में एक स्थिर विकास किया है, पुरुष हो या महिला हॉकी टीम दोनों अब बड़े स्तर पर प्रतियोगिताएं खेल और जीत भी रहें हैं. मुझे कोई कारण नहीं दिखता कि ये आगे जारी नहीं रहेगा, हो सकता है अगले 10 सालों में आप इंडियन हॉकी टीम को प्रमुख प्रतियोगिताओं में सिर्फ पोडियम पर नहीं बल्कि उसके शीर्ष पर भी देख सकते हैं.
उन्होंने कहा कि जब मैं 12 साल पहले भारत में था तो मैंने यह बात कही थी कि भारत के लिए प्रमुख टूर्नामेंटों में पदक जीतना और विजेता बनना सिर्फ 10 साल का काम है और हमने यह पिछले टोक्यो ओलंपिक और राष्ट्रमंडल खेलों में देख भी लिया.
रिक चार्ल्सवर्थ का मानना है कि भारतीय हॉकी खिलाड़ियों में गुणवत्ता की कोई कमी नहीं थी लेकिन उन्हें विश्वास की ज़रूरत थी जो उन्हें हॉकी इंडिया लीग से मिल चुका है.