इस साल के Chess Olympiad में भारत की टीम ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया था , इस टीम में ज्यादातर
players teenage ग्रांडमास्टर्स थे , इस टीम ने गोल्ड तो नहीं पर कांस्य पदक जरूर हासिल किया और
देश का नाम रोशन किया , इस टीम को ग्रंड्मास्टर RB Ramesh ने कोच किया था , हाल ही में आर बी
रमेश paris में 25 फ्रेंच coaches के साथ अपना experience शेयर करने के लिए मौजूद थे उस दौरान
उनका इंटरव्यू लिया गया जिसमें उन्होंने काफी महत्वपूर्ण चीजों के बारे में बात की और एक बेहतरीन
कोच बनने का राज़ भी बताया |
RB Ramesh को साल 1998 में इंडियन chess फेडरेशन की ओर से अन्डर 20 शतरंज की टीम को
एशियन जूनियर championship के लिए कोच करने का न्योता मिला था , उस समय वो महज 22 वर्ष
के थे टीम के खिलाड़ियों से बस एक दो साल बड़े , उन्होंने लड़कों और लड़कियों दोनों की टीमों को कोच
किया और दोनों ही टीमों ने गोल्ड मेडल जीता | आर बी ने कहा की “वो मेरी ट्रैनिंग की वजह से नहीं जीते
थे वो सच में काफी मजबूत खिलाड़ी थे , मेरा कोचिंग का परिचय वही से हुआ था |
इसके बाद आर बी को Aarthi Ramaswamy के साथ काम करने का मौका मिला और आर्थि ने अन्डर
championship में गोल्ड मेडल भी जीता इससे उन्हें काफी आत्मविश्वास प्राप्त हुआ और उन्हें समझ आया
की वो इतनी कम उम्र में भी एक कोच बन सकते है इसके बाद काफी players ने उन्हें संपर्क किया और
काफी players उनकी कोचिंग लेने लगे और कम समय में गेम में सुधार भी किया |
जब उनसे पूछा गया की एक अच्छे कोच होने का राज़ क्या है तो उन्होंने बताया “आपको टीचिंग के प्रति
काफी passionate होना चाहिए , इसे सिर्फ एक पेशे की तरह और कमाने के साधन की तरह नहीं देखना
चाहिए , एक कोच को अपने खिलाड़ियों के सुखद और दुखद दोनों पलों से गुजरना पड़ता है ,उन्हें सभी
भावनाओं से गुजरना होगा और अपने players को सहानुभूति भी देनी होगी साथ ही उनका मार्गदर्शन भी
करना होगा , ये एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है , एक अच्छा कोच बनना काफी कठिन है |
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