शतरंज लोगों के पसंदीदा खेलों में से एक है हर साल विश्वभर में इसके कई टूर्नामेंट्स और चैंपियंस आयोजित
किए जाते हैं जिनमें हर देश के इन द प्लेयर एक दूसरे के साथ मैच खेलते हैं और बाजी जीतने की पूरी
कोशिश करते हैं शतरंज में भारत के कई खिलाड़ियों का रिकॉर्ड काफी अच्छा है हर साल वर्ल्ड
ऑर्गेनाइजेशन FIDE द्वारा विश्व स्तर पर चैस की प्रतियोगिता कराई जाती है जिसे जीतने वाले को ग्रैंड मास्टर
का टाइटल भी दिया जाता है आज हम आपको ग्रैंड मास्टर का टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय महिला के
बारे में बताने जा रहे हैं
शतरंज में ग्रैंड मास्टर का टाइटल जीतने वाली भारत की पहली महिला है एस विजयलक्ष्मी ने
साल 2000 मैं 24 जुलाई को ग्रैंड मास्टर का टाइटल पाकर एक नया इतिहास रच दिया था और विश्वभर
में भारत का नाम रोशन कर दिया था
एस विजयलक्ष्मी का जन्म साल 1979 25 मार्च को चेन्नई में हुआ था बचपन से ही विजयलक्ष्मी को खेलना काफी
पसंद था धीरे-धीरे उन्होंने शतरंज के टूर्नामेंट में भाग लेना शुरू कर दिया इसके बाद उन्होंने किसी को अपना
करियर बना लिया विजयलक्ष्मी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुकाबलों में भी हिस्सा लेने लगी और उन्हें जीतने लगी
जिसके बाद साल 2000 में आखिरकार उन्होंने ग्रैंड मास्टर का टाइटल अपने नाम कर लिया, बता दे की
विजयलक्ष्मी की बहने मीनाक्षी और भानु प्रिया शतरंज की बेहतरीन खिलाड़ी हैं
साल 1986 में विजयलक्ष्मी ने शतरंज ओपन से अपने करियर की शुरुआत की थी इसके बाद 1988 और 1989
में उन्होंने भारतीय चैंपियनशिप जीती थी साल 1995 में उन्होंने टूर्नामेंट में भी भाग लिया और दूसरा स्थान प्राप्त
करा इसके बाद 1997 में एशियन टूर्नामेंट में प्रथम स्थान पर रही
विजयलक्ष्मी ने चेस खेलना अपने पिता को देखकर शुरू किया था वह उनके साथ बचपन में शतरंज खेला
करती थी और फिर धीरे-धीरे उन्होंने इस को अच्छे से खेलना सीख लिया चैस की ग्रैंड मास्टर बनने के बाद
विजयलक्ष्मी नहीं चैस के ही ग्रैंड मास्टर श्री राम झांसी शादी की
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