इंदौर में एक भी नहीं है एस्ट्रोटर्फ मैदान
शहर के एक अन्य स्थान पर नया हॉकी टर्फ बनाने की योजना बरसों से चल रही है लेकिन उस पर कोई असर नहीं दिख रहा है. वहीं पूर्व गोलकीपर मीर रंजन नेगी इंदौर में साल 1940 में स्थापित हुए प्रकाश हॉकी क्लब में खेलकर राष्ट्रीय टीम में पहुंचे थे. खेल से सन्यास लेने के बाद वह क्लब के बच्चों को हॉकी के गुर सिखाने लगे थे. जिसमें से कुछ बच्चे तो गरीब परिवार से आते हैं.
वहीं इन दिनों नेगी को शहर के रेसिडेंसी क्षेत्र में जिला जेल की दीवार से सटी फूटपाथ वाली जगह पर हॉकी सिखाते देखा जा रहा है. जिसकी चर्चा काफी हो रही है. वहीं उन्होंने बताया कि आजाद नगर क्षेत्र में क्लब के हॉकी मैदान की जगह इंदौर नगर निगम ने उसे कचरा स्थानांतरण केंद्र बनाए जाने को लेकर 65 साल के हॉकी दिग्गज के मन में गहरी टीस है. नेगी ने आगे कहा कि सीमेंट के पेवर्स ब्लॉक से बने फूटपाथ पर हॉकी की गेंद सामने मैदान के मुकाबले बहुत ज्यादा उछाल लेती है. वहीं फुटपाथ पर हॉकी खेले जाने से निराश बच्चों से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने भी नाराजगी जताई है.