भारतीय हॉकी टीम का विश्वकप जीतने का सपना इस बार भी अधुरा रहने वाला है. क्योंकि क्रॉसओवर मैच में भारतीय टीम को न्यूज़ीलैंड की टीम ने हराते हुए क्वार्टरफाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया है. इस बार सभी की ओर से कयास लगाए जा रहे थे कि टीम विजेता बन सकती है और 48 साल सुखा खत्म किया जा सकता है. लेकिन भारतीय टीम की और इनके खिलाड़ियों की कुछ खामियों के चलते ऐसा नहीं हो पाया है. बता दें क्रॉसओवर मैच में भारत को 12वें रैंकिंग की टीम न्यूजीलैंड से खेलना था लेकिन न्यूजीलैंड ने शानदार प्रदर्शन करते हुए जीत हासिल की है.
पेनल्टी कॉर्नर और डिफेन्स की खामियों से हारा भारत
मैच का नतीजा पेनल्टीकार्नर तक पहुंचा था लेकिन उसके बाद फिर न्यूजीलैंड ने जीत हासिल कर ली थी. भारतीय टीम में सबसे बड़ी खामी यह नजर आई कि टीम के सभी खिलाड़ी पूरे मैच में दबाव में नजर आए थे. और ऐसे अहम मैच में भारतीय टीम दबाव में आकर गोल खाती ही है. इसके चलते टीम को यह हार झेलनी पड़ी थी. इसके साथ ही टीम के डिफेन्स में भी काफी कमियां नजर आई थी. टीम में हार्दिक सिंह का नहीं होना भी टीम के लिए बुरा साबित हुआ था. इसके साथ टीम पेनल्टी कार्नर का लाभ भी नहीं उठा पाई जिसका खामियाजा हार के साथ टीम को झेलना पड़ा था.
शूटआउट के समय भारत के गोलकीपर श्रीजेश ने शानदार प्रदर्शन करते हुए भारत के लिए तीन गोल रोके थे. लेकिन उसके बाद टीम के हरमनप्रीत, अभिषेक और सुखजीत एक भी गोल नहीं कर पाए थे. वहीं श्रीजेश के चोटिल होने से उन्हें मैदान के बाहर जाना पड़ा. उनकी जगह टीम में पाठक आए थे और वह गोल रोकने में नाकामयाब हुए थे. इस वजह से भी टीम को काफी नुकसान उठाना पड़ा है. शूटआउट में दोनों टीमों को 9-9 मौके मिले थे. जिसमें से न्यूजीलैंड ने पांच पार गोल किए जबकि भारत ने चार बार गोल किए थे.
बता दें हार से पहले मुकाबला बराबरी पर था. दोनों टीमों के 3-3 गोल थे. जिसके चलते ही मुकाबला शूटआउट तक पहुंचा था. टीम के लाचार प्रदर्शन से ही टीम को टूर्नामेंट से बाहर होना पड़ा है.