Chess में बनना चाहते हैं बादशाह तो जान लीजिए ये Rules: शतरंज एक ऐसा खेल है जिसमे बल नही बल्कि दिमाग लगता है। इस खेल में एक कम उम्र का लड़का भी बड़े से बड़े लोगो को हरा सकता है। इसमें अगर इस्तेमाल करना है तो सिर्फ दिमाग। ये एक ऐसा दिमाग का खेल है जो आज पूरे विश्व में प्रचलित है। ये खेल आज से ही नही खेला जा रहा बल्कि इसका इतिहास में भी काफी जिक्र है। हमारे राजा महाराजा भी इसे बहुत खेला करते थे। ये सिर्फ दो लोगो के बीच ही खेला जाता है और इसमें जो दिमाग से खेलता है वो अंत में जीतता है।
शतरंज का इतिहास
देखा जाए तो इसका इतिहास उतना अच्छे से नही लिखा गया और नाही कोई जानता है लेकिन ये माना जाता रहा है की लगभग 2000 साल पहले चेस के जैसा खेल लोग खेला करते थे। बल्कि इसका जिक्र कई फिल्मों में भी है। 280-550 के समय की बात है, उस समय गुप्त साम्राज्य हुआ करता था, तब शतरंज जैसे खेल की शुरुवात हुई थी। इसके बाद 1200 दशक के आसपास साउथ यूरोप में शतरंज के खेल की शुरुवात हुई, जिसमें 1475 के आस पास इस खेल में ढेरों बदलाव भी किये गए, जिसे आज हम खेलते है। इस खेल को बदलाव के साथ स्पेन एवं इटली में अपनाया गया।
Chess Rules जान लीजिए
Chess Rules आपको इस लीए जानना जरूरी है ताकि आप इस गेम में दूसरों को मात दे सकें। शतरंज के बोर्ड पर 64 खाने होते है। एक सफेद होता है और दूसरा काला होता है। दोनो खाने का मतलब मैच दो लोगो के बीच होता है जिसमे काला वाला एक के पास और सफेद वाला दूसरे के पास रहता है। इसमें टोटल 32 गोटी से ये खेल खेलते है, जिसमें हर एक खिलाड़ी के पास 16 पीस होते है। इसमें 16 सफ़ेद और 16 काली गोटी होती है। हर एक टीम के पास 1 राजा, 1 रानी, 2 हाथी, 2 घोड़े, 2 ऊँठ एवं 8 प्यादे होते है। ये सारे अपने नियम के हिसाब से ही आगे बढ़ते है। इस खेल का यही लक्ष्य होता है कि किस तरह सामने वाले खिलाड़ी को शह और मात दिया जा सके। शह और मात की स्थिती तब होती है, जब कोई राजा की जगह पर कब्ज़ा कर ले, और उस कब्जे से उसे कोई निकाल न सके। इसमें दिमाग का इस्तेमाल बहुत जरूरी होता है और वो भी तेजी से,नही तो चंद सेकेंड के लिए मैच हाथ से निकल जाता है।
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