यूरोप के देशों में आइस हॉकी बड़े चाव से खेला जाता है.
भारत में भी उत्तर के क्षेत्रों में यह खेल काफी लोकप्रियता ले रहा है.
हर साल 36 मिलियन बच्चे संगठित होकर यह खेल खेलते है
लेकिन इस साल वह विकल्प अधिक सीमित है.
कई खेलों में ठण्ड के दिनों में आराम लेना पड़ता है
लेकिन आइस हॉकी ऐसा खेला है जो ठण्ड के मौसम में और मजे से खेला जाता है.
यह सर्दियों में अच्छा समय बिताने का एक तरीका होता है.तो आइए जानते है
आइस हॉकी के बारे में. जानते हैं इसके कुछ रोचक तथ्यों के बारे में.
इस खेल की लोकप्रियता अब सबसे ज्यादा है.
आइस हॉकी के बारे में कुछ रोचक जानकारी
कुछ लोगों का कहना है कि इस खेल का पहला संस्करण आयरिश और फ्रेंच ने
1700 के दशक में खेला था. वहीं कुछ ख्तेहाई कि इसे कनाडियन लोगों ने खेला था.
कनाडा में यह खेल देश राष्ट्रीय खेल भी है.
एक तथ्य यह भी है कि] स्लैपशोट्स कार की तुलना में तेजी से भागते है.
उनकी रफ्तार 118 मील प्रति घंटे की होती है. वहीं आजकल हॉकी पक वल्केनाइज्ड
रबर के बने होते हैं और तीन इंच के बराबर होते हैं. लेकिन रिपोर्ट के मुताबिक 1800 के दशक में
इस्तेमाल किए जाने वाले पहले हॉकी पक गाय के गोबर से बने होते थे. आधुनिक खेलों में अब बहुत कुछ बदल गया है.
जानिए कुछ तथ्यों के बारे में
1800 के दशक के अंतर में ट्रॉफी देने वाले कनाडाई गवर्नर जनरल
के नाम पर स्टेनली कप का एक रोमांच रहता था. वास्तव में यह आश्चर्य की बात है कि
यह अभी भी है. इसे हर दुर्घटना का सामना करना पड़ा था लेकिन फिर भी यह ठीक
होने में कमयाब रहा था और आज भी हॉकी का प्रतीक बना हुआ है. आइस हॉकी
एक मजेदार गेम है जिसे सारे विश्व में शानदार तरीके से खेला जाता है.
यूरोपियन देशों में इस खेल को बड़ा महत्व दिया जाता है.