पिछले हफ्ते 12 दिसंबर को हंगरी के ग्रंड्मास्टर इवान फरगो ने 76 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा
कह दिया | उनका जन्म 1946 , 1 अप्रैल को बुडापेस्ट में हुआ था और साल 1974 में वो शतरंज के
इंटरनेशनल मास्टर बने थे और इसके दो साल बाद ही उन्होंने 1976 में ग्रंड्मास्टर का टाइटल भी
हासिल कर लिया था | साल 1986 में इवान हंगेरियन चैंपियन बने और 1993 में वो चरम रेटिंग 2540
पर पहुँचे थे |
12 वर्ष की उम्र में इवान ने प्रतिस्पर्धी शतरंज खेलना किया था शुरू
इवान फरगो ने 12 वर्ष की उम्र में प्रतिस्पर्धी शतरंज खेलना शुरू किया था और उन्हें अपनी सबसे महत्वपूर्ण सफलता 1964 में मिली थी जब उन्होंने krakow में आयोजित हुई एक यूनिवर्सिटी चैम्पीयनशिप में 70 % स्कोर किया था , तीन साल बाद वो सभी टीमों के सर्वश्रेष्ठ स्कॉरर थे , उन्होंने हंगरी की राष्ट्रीय टीम के सदस्य के रूप में भी काफी शानदार प्रदर्शन किया था |
राष्ट्रीय टीम के लिए जीते कई मेडल
साल 1977 और 1980 में हुई युरोपियन टीम चैम्पीयनशिप में उन्होंने अपनी टीम के साथ सिल्वर मेडल भी जीता था और 1983 में कांस्य पदक हासिल किया था | इवान फरगो की सबसे बड़ी उपलब्धि 1980 में माल्टा में आयोजित हुए एक शतरंज ओलंपियाड में हुई थी , उस ओलंपियाड में उन्होंने सिल्वर मेडल जीता था | इवान ने अपना पूरा जीवन शतरंज को समर्पित किया और अपनी सारी ऊर्जा उसी में लगाई |
उन्हें फ्रेंच डिफेन्स से खेलना काफी पसंद था
बता दे इवान को काले मोहरों के साथ फ्रेंच डिफेन्स खेलना काफी पसंद था और इस ओपनिंग के साथ उन्होंने कई शानदार जीत भी हासिल की है | इवान की मृत्यु स्पोर्ट्स और शतरंज की दुनिया के लिए काफी बड़ी क्षति है , हंगेरियन चेस फेडरेशन ने भी अपने एक बेहतरीन प्लेयर को खो दिया है | FIDE ने इवान के पूरे परिवार और प्रियजनों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है |