देश में जब-जब भी खेल के बारे में बात कि जाती है तो सबसे पहले हरियाणा का नाम
ही सामने आता है. हरियाणा के नौजवान किसी ना किसी खेल में
पारंगत अवश्य होते है. और ज्यादातर खिलाड़ी देश के पारम्परिक खेलों
के ही मिलते है. ऐसे ही हरियाणा में एक गांव है जहां के बच्चों
से लेकर बुड्ढों में कबड्डी का जुनून सवार रहता है. यह गांव
हरियाणा के गांव बुड़शाम में हैं हर कोई कबड्डी प्रेमी
पानीपत से 20 किमी दूर स्थित है जिसका नाम बुड़शाम है. यहाँ के
ज्यादातर युवा और बच्चे कबड्डी में रूचि रखते है और
इसकी बदौलत ही कई उवा सरकारी नौकरी भी पा चुके हैं.
यहां के कोच रणबीर ने बताया कि गांव में नेशनल, इंटरनेशनल
और स्टेट लेवल के खिलाड़ियों की भरमार है. प्रो कबड्डी लीग में
भी इस गांव के सात खिलाड़ी अलग-अलग टीमों से खेलने वाले है.
रोहित गुलिया, मोनू बिनवाल, साहिल गुलिया, सुशील गुलिया,
सोमबीर गुलिया, प्रशांत गुलिया ऐसे खिलाड़ी हैं जो प्रो कबड्डी मैच में
इस बार अपना जलवा बिखेरेंगे. यह सभी इसी गांव से सम्बन्ध रखते है.
इससे पहले प्रो कबड्डी मैच के सेशन में भी 12 खिलाड़ी अपना दमखम दिखा चुके है.
बताया जाता है कि इस गांव में युवाओं ने साल 1987 से
कबड्डी खेलना शुरू किया था. हेल के बल पर ही यहां के युवाओं
यहां के सात खिलाड़ी प्रो कबड्डी में लेंगे हिस्सा
ने नौकरियां भी हासिल की है. उनको देखने के बाद गांव में
कबड्डी का प्रचलन शुरू हो गया और अब गांव का हर युवा कबड्डी में
अपना प्रदर्शन दिखता है. यहां के 80 से 100 युवा खेल
की बदौलत सेना में भी भर्ती हो चुके हैं और कुछ एयरफोर्स में भी अपनी सेवाएं
दे रहे है. कुछ साल पहले यहां सरकार ने कबड्डी की नर्सरी भी खोली थी
लेकिन कोरोना के चलते वह बंद हो गई और बाहर के खिलाड़ियों ने
यहां आना बंद कर दिया. इतना ही नहीं गांव में कबड्डी के दो
ग्राउंड है जिसमें 400 बच्चें रोज प्रैक्टिस करते है और दोनों
जगह पर कोच फ्री में अपनी सेवाएं दे रहे है.