आप में से बहुत से लोग चेस तो जरूर खेलते होंगे। ज्यादातर लोग ऑनलाइन चेस खेलते होंगे या फिर कम्प्यूटर चेस खेलते होंगे। लेकिन क्या आपको पता है Computer chess होता क्या है और इसका इतिहास क्या है? अगर नहीं तो कोई बात नहीं आज हम आपको कम्प्यूटर चेस की पूरी जानकारी देंगे किआखिर कम्प्यूटर चेस का इताहिस कैसा रहा है। अब तक कम्प्यूटर चेस ने कितनी तरक्की कर ली हाै।
क्या है Computer Chess
एक कंप्यूटर शतरंज खेल सकता है, बस यादृच्छिक रूप से चालें उत्पन्न करके, यह जांच कर कि क्या वे शतरंज के नियमों के अनुसार मान्य हैं, और उनमें से किसी एक को खेल सकते हैं। कुलमिलाकर अगर हम आपको सीधा शब्दों में बताएं कि कम्प्यूटर चेस क्या होता है तो इसका सीधा से मतलब है कि जब भी आप कम्प्यूटर पर बैठकर चेस खेलते हैं तो वह कम्प्यूटर चेस कहलाता है।
History Of Computer Chess ( कम्प्यूटर चेस का इतिहास)
1950 में पहला कंप्यूटर शतरंज कार्यक्रम ब्रिटिश शोधकर्ता एलन ट्यूरिंग द्वारा लिखा गया था। जिन्होंने डिजिटल कंप्यूटर के क्षेत्र का बड़ा योगदान दिया है। उस समय, ट्यूरिंग को पेंसिल और कागज के साथ अपने कार्यक्रम के निष्पादन के अनुकरण के साथ समझौता करना पड़ा।
शोधकर्ता एलन के शोध से पता चला था कि कंप्यूटर शतरंज खेल सकते हैं। उसी वर्ष, क्लाउड शैनन ने कंप्यूटर के लिए एक कार्य योजना तैयार की, जिसे अंततः अच्छी शतरंज खेलने के लिए प्रोग्राम किया जाना था। 1950 में कंप्यूटर की बेहद कम गति को देखते हुए यह स्पष्ट नहीं था कि क्या कंप्यूटर कभी भी चेकर्स जैसे सरल खेलों में भी इंसानों को हरा पाएंगे या नहीं।
कम्प्यूटर ने पहली बार इंसान को हराया
1958 में, एक शतरंज के खेल में कम्प्यूटर ने पहली बार एक मानव खिलाड़ी को हराया। प्रोग्रामर की टीम का एक सचिव, जिसने पहले कभी शतरंज नहीं खेला था, उसे सिखाया गया था कि खेल से ठीक एक घंटे पहले कैसे खेलना है। यह उपलब्धि आज जितनी अचूक लग सकती है, उस समय इसे यह दिखाने का काम किया कि ज्ञान को एक शतरंज कार्यक्रम में एम्बेड किया जा सकता है।
बनने लगे थे प्रोग्राम
इस जीत के बाद, शतरंज खेलने वाले कंप्यूटरों के कुछ पहले प्रोग्रामर ने भविष्यवाणी की थी कि साठ का दशक खत्म होने से पहले कंप्यूटर शतरंज कार्यक्रम शतरंज विश्व चैंपियन होगा। साठ के दशक के अंत में, स्पैस्की विश्व शतरंज चैंपियन था और कंप्यूटर प्रोग्राम एक औसत हाई स्कूल शतरंज खिलाड़ी के शक्ति स्तर पर खेले जाते थे।
1978 में उस समय के सर्वश्रेष्ठ शतरंज कार्यक्रम को टोरंटो में खेले गए सर्वश्रेष्ठ पांच मैच में डी. लेवी ने मनुष्यों के लिए 3 जीत, एक ड्रॉ और एक जीत के साथ हराया था। न केवल श्री लेवी ने कंप्यूटर को हराया था बल्की एक हजार पाउंड से अधिक की राशि भी जीती थी।
वर्तमान में बहुत कुछ बदल गया है। अगर हम आज के कम्प्यूटर चेस की बात करें तो आज टेक्नोलॉजी इतनी आगे हो गई है कि कम्प्यूटर बड़ी आसानी से इंसानों को चेस में परास्त कर दे रे हैं।
हमें उम्मीद है कि इस लेख को पढ़कर आपको कम्प्यूटर चेस से जुड़ी तमाम तरह की जानकारियां मिली होंगी। चेस से जुड़ी तमाम तरह की ख़बरों और चेस से जुड़ी अपडेट के लिए जुडे रहे हमारे साथ।