दुनिया भर में लाखों-करोड़ों लोग शतरंज खेलते हैं शतरंज की कई चैंपियनशिप और टूर्नामेंट भी आयोजित किए
जाते हैं जिनमें हर देश के बेहतरीन से बेहतरीन खिलाड़ी ऐसा लेते हैं और मुकाबला करते हैं आज हम आपको
अपने लेख में शतरंज के इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं कि आखिर इसका आविष्कार किस देश में हुआ था
और कैसे पूरे विश्व तक पहुंचा
शतरंज का आविष्कार भारत में हुआ था भारत में शतरंज खेलने की शुरुआत पांचवी शताब्दी में ही हो
गई थी उसके बाद यह पारसी में प्रचलित हुआ और इसके बाद पूरे विश्वभर में पहुंच गया |
भारत में खेले जाने वाला यह ऐसा पहला खेल था जिसे दिमाग के इस्तेमाल से खेला जाता था
इस खेल को गुप्त काल के दौरान राजाओं द्वारा खेला जाता था हमने महाभारत में देखा है कि पांडवों और
कौरवों के पुत्रों के बीच खेला गया था लेकिन गुप्त काल में चौसर की जगह शतरंज को खेलने की शुरुआत
कर दी गई थी जब शतरंज का आविष्कार हुआ था तो उसे चतुरंग खेल के नाम से जाना जाता था
धीरे धीरे जब इस खेल की लोकप्रियता बढ़ने लगी तो यह यूरोप और जैसे देशों में भी पहुंच गया और
आज लगभग सभी देशों में यह खेल खेला जाता है
वक्त के साथ-साथ खेल में कई तब्दीलिया भी की गई और कई नियम भी बदले गए और तो और कई देशों
में हम भी बदला गया बता दे की स्पेन में शतरंज को ajedrez कहा जाता है और पुर्तगाल में शतरंज के खेल को
xadrez कहा जाता है
भारत की जल फाउंडेशन द्वारा वर्तमान में कई प्रतियोगिताओं को आयोजित किया जाता है और वैश्विक तौर
पर इंटरनेशनल चेस फाउंडेशन द्वारा टूर्नामेंट आयोजित किए जाते हैं इन टूर्नामेंट को जो भी जीता है उन्हें
मास्टर और ग्रैंड मास्टर की उपलब्धि भी दी जाती है |
भारत के कुछ प्रसिद्ध खिलाड़ी जिन्होंने शतरंज के खेल को खेलते हुए विश्व भर में काफी नाम कमाया है:-
-
विश्वनाथन आनंद
-
दिव्येंदु बरुआ
-
बी. रवि कुमार
-
आरती रामास्वामी
-
पी.हरिकृष्ण
ये भी पढ़े :- https://thechesskings.com/top-3-chess-books-every-player-should-must-read/