भारतीय महिला हॉकी खिलाड़ी नवजौत कौर पिछले कुछ वर्षों से भारतीय महिला हॉकी
टीम की सफलता का हिस्सा रही हैं. 2012 में अपने करियर की शुरुआत के बाद
उन्होंने सभी महत्वपूर्ण टूर्नामेंट्स में देश का प्रतिनिधित्व किया है.
हाल ही में हुए राष्ट्रमंडल खेलों में कोविड की वजह से वह इस खेल में हिस्सा नहीं ले पाई थी.
नवजोत को बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में कोविड होने की वजह से वापिस
स्वदेश लौटना [पड़ा था. उन्होंने इसपर बात करते हुए कहा कि,
ईमानदारी से कहूं तो इस तरह खेल छोड़कर वापिस आना निराशाजनक था.
मेरे लिए इसे स्वीकार करना बहुत कठिन था. मैं पहले कभी किसी बड़े टूर्नामेंट से लौटकर नहीं आई हूँ.
नवजौत ने राष्ट्रमंडल खेलों के बारे में दी जानकारी
इसलिए मैं पहली बार ऐसी स्थिति से सामना कर रही हूँ.
उन्होंने अपनी बात को आगे रखते हुए कहा कि जब मैं नॉटिन्घम में थी तब मैंने
टेस्ट कराया जो पॉजिटिव रहा. मेरे टेस्ट में ज्यादा लक्षण नहीं थे इससे मेरे वापिस
टीम में जगह बनाने की उम्मीद थी. इस वजह से मेरा हर दिन टेस्ट लिया जा रहा था और वह पॉजिटिव ही आ रहा था.
उन्होंने कहा कि हमारे कोच जननेके शोपमैं, स्टाफ सदस्य और मेरे साथी मेरे साथ
लगातार सम्पर्क में थे. वे आइसोलेशन के दौर में भी हर दिन मुझपर नजर रखे हुए थे.
कठिन समय में भी मेरी सभी ने खूब मदद की थी. भारत को राष्ट्रमंडल खेलों में
कांस्य पदक जीतते देखने के बारे में पूछते हुए वह बोली कि मैंने अपने परिवार के साथ
सभी मैच देखें. टीम को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बहुत कम अंतर से हारते हुए देखना काफी दुखदाई था.
हम काफी अच्छा खेल रहे थे. हुआ सिर्फ इतना कि परिणाम हमारे पक्ष में नहीं रहा था.
बेंगलुरु के साईं केंद्र में प्रशिक्षण शिविर में लौटने के बबाद नवजोत वापस खांचे में आने के लिए उतावले है.
प्रशिक्षण शिविर में आने के लिए थे उत्सुक
बेंगलुरु के SAI केंद्र में प्रशिक्षण शिविर में लौटने के बाद, नवजोत वापस आने के लिए उतावले हैं।