राष्ट्रीय खेल हॉकी के खिलाड़ी तैयार करने का जुनून और काम करने का जज्बा आज भी बलदेव सिंह
का वैसा ही है जैसा 1988 में था. इसी वजह के चलते वो हर टाइम मैदान में ही दिखते है.
जी हम बात कर रहे हैं हॉकी के कोच डॉ. बलदेव सिंह की अगर
हम इन्हें हॉकी के खिलाड़ी तैयार करने की फैक्ट्री कहे
तो कोई बड़ी बात नहीं होगी. कोच बलदेव सिंह से प्रशिक्षण लेकर
16 खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल लेवल पर देश नाम बढ़ाया है.
बलदेव सिंह के सिखाए 16 खिलाड़ियों ने खेला इंटरनेशनल लेवल पर
इन खिलाड़ियों में हॉकी टीम के कप्तान सरदारा सिंह और रीतू रानी के नाम भी शामिल है.
बलदेव सिंह ने वर्ष 1988 में श्री गुरु हरी सिंह महाविद्यालय श्री
जीवनगर में कोच पद पर अपना कार्यभार सम्भाला. कोच बलदेव
सिंह ने बताया कि स्कूल में हॉकी खिलाड़ी दीदार सिंह अपने
सरदारा सिंह के साथ खेलने आते थे. जब जीवनगर में जिला स्तरीय
हॉकी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. जिसमें सरदारा सिंह ने बेस्ट प्रदर्शन करते हुए टीम को विजेता बनाया था.
इसपर उन्हें नगद राशि देका र्भी सम्मानित किया गया था. इसके
बाद सरदारा सिंह का जूनियर हॉकी टीम में चयन हो गया.
जीवनभर हॉकी के गुर सिखाने के लिए रहेंगे तत्पर
सरदारा सिंह हॉकी की जूनियर नेशनल टीम के पोलैंड दौरे में भी खेले.
इसके बाद उन्हें सीनियर टीम में जगह बनाने में देर नहीं लगी.
कोच बलदेव सिंह ने बताया कि 2008 में कॉलेज कैडर में नौकरी मिली थी.
कॉलेज में रहते हुए भी उन्होंने कई खिलाड़ियों को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाया है.
बलदेव सिंह राजकीय नेशनल कॉलेज में तैनात रहें. उनसे गुर सीखकर
भारतीय हॉकी टीम की पूर्व कप्तान रीतू रानी ने नाम कमाया.
खिलाड़ी मीनाक्षी, रजनी, भारती, प्रतिभा, अंजू, पूर्व कप्तान सरदारा सिंह,
हरपाल सिंह, अजमेर सिंह जैसे कई खिलाड़ी इंटरनेशनल लेवल पर खेल चुके है.
कोच बलदेव सिंह ने कहा कि आज मुझे बहुत ख़ुशी है कि
मेरे हॉकी के गुर सीखकर खिलाड़ियों ने इंटरनेशनल लेवल पर नाम कमाया है.
मैंने तो अपना कर्तव्य निभाया है. हॉकी के गुर देने के लिए जीवनभर कार्य करता रहूंगा.