यूपी में आयोजित हुई मास्टर गेम अंडर 40 वर्ग में हिमाचल की टीम ने हॉकी गोल्ड मेडल अपने नाम किया था. और इसी के साथ महिला टीम ने पूरे देश में प्रदेश का नाम ऊँचा किया था. वहीं इस हिमाचल टीम की कमान कप्तान मीना कुमारी सम्भाल रही थी. उन्होंने जीतने पर ख़ुशी जाहिर की है लेकिन उन्होंने खेद भी जताया है कि उन्हें हिमाचल सरकार की ओर से कोई मदद नहीं मिली है. वह और उनकी पूरी टीम आने खर्चे पर ही दूसरे राज्यों में प्रतियोगिता में हिस्सा लेती है.
हिमाचल टीम की कप्तान है मीना, आर्थिक सहायता की मदद मांगी
हिमाचल के उपमंडल फतेहपुर के अधीन आने वाले पंचायत और गांव चकवाडी की रहने वाली मीना काफी समय से हॉकी खेलती है. और उन्होंने बताया कि उन्हें हॉकी खेलने का शौक तब से जब से वह छठी कक्षा में थी. 48 वर्षीय मीना ने बताया कि उन्होंने पहला नेशनल गेम्स साल 1987 में खेला था. उसके बाद उन्होंने साल 1990 में बिहार में नेशनल हॉकी का मैच भी खेला था. इस दौरान उनकी टीम ने जूनियर और सब जूनियर में सिल्वर मेडल जीतकर हिमाचल का नाम बढ़ाया था.
साल 1987 में वह टीम की कप्तान बनी थी तब से लेकर अब तक वह टीम की कप्तान है. वहीं हाल ही में यूपी में हुए मास्टर गेम अंडर 40 में गोल्ड मेडल जीतकर हिमाचल का नाम उन्हें रोशन किया है. फाइनल मैच में हिमाचल की टीम ने केरल की टीम को 6-0 से मात दी थी. मीना बताती है कि उन्हें खेलने का काफी शौक है. उनकी पूरी टीम बहुत मेहनत और दिल से खेलती है.
उन्होंने बताया कि सरकार ने ना ही उनकी कोई मदद की है ना जीतने पर कोई ईनाम की घोषणा की है. अगर सरकार उन्हें प्रोत्साहित करें और सहायता करें तो वह राज्य के साथ देश का नाम भी रोशन कर सकते हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि प्रदेश में हॉकी खेल रही महिलाओं का मनोबल बढ़ाए और उन्हें आर्थिक सहायता भी प्रदान करें.