मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम शहर में एक परिवार ऐसा भी है जो पूरा हॉकी को लेकर समर्पित है.
भारत का राष्ट्रीय खेल इस परिवार के लोगों के अंदर खून बनकर दौड़ता है.
इस परिवार की तीन पीढ़ियाँ हॉकी को समर्पित है. पिता ने राष्ट्रीय स्तर पर हॉकी खेली.
उसके बाद उनकी दोनों बेटियाँ भी शानदार हॉकी प्लेयर रहीं और अब उनके बच्चें भी हॉकी के गुर सीख रहे हैं.
नर्मदापुरम का रैकवार परिवार हॉकी में है समर्पित
बता दें शहर के शंकर लाल रैकवार जो पुलिस विभाग में कार्यरत रहें वो हॉकी के अच्छे प्लेयर और गोलकीपर थे.
उन्होंने विभाग कि ओर से आयोजित राष्ट्रीय स्तर की कई प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया
और बेहतरीन खेल दिखाया था. कई मैचों में उन्होंने मध्यप्रदेश पुलिस विभाग का प्रतिनिधित्व भी किया था.
वहीं उनकी दोनों बेटियों पूनम और जयश्री ने भी पिता की ही तरह हॉकी
को अपनाया और अपने पिता से हॉकी की बारीकियों का अध्ययन किया.
पूनम ने बताया कि वह 16 बार राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में हिस्सा ले चुकी है.
वहीं करीब 6 सालों तक राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रतिनिधित्व भी किया.
तीन बार ऑल इंडिया हॉकी में प्रतिनिधित्व भी किया.
साथ ही मध्यप्रदेश सरकार ने भी उन्हें 1993 में उत्कृष्ट हॉकी प्लेयर के ख़िताब से नवाजा था.
वहीं पूनम की छोटी बहिन जयश्री ने भी छोटी उम्र में ही हॉकी स्टिक अपने हाथों में थाम ली थी.
तीन पीढ़ियों से चल रहा हॉकी का सिलसिला
जयश्री भी अपने पिता की ही तरह पुलिस विभाग में कार्यरत है.
हॉकी ही नहीं बल्कि एथलेटिक्स में भी वह स्टेट चैंपियन रही हैं.
इतना ही नहीं जयश्री बेटी बचाओ बेटी पढ़ाई अभियान की ब्रांड एम्बेसडर भी है.
वहीं जयश्री के पति नितेश देवड़ा भी हॉकी प्लेयर रहे हैं.
इस खेल को आगे बढ़ाते हुए अब पूनम की बेटी कृतिका और बेटा कार्तिक भी इस खेल को अपना रहे हैं.
वहीं जयश्री का बेटा पुष्पेश देवड़ा भी इन खेलों में हिस्सा लेने लगा है.
पुष्पेश वॉलीबॉल खिलाड़ी है तो वहीं कार्तिक भी सब जूनियर राष्ट्रीय हॉकी प्रतियोगिता में खेल चुका है.