भारत में हॉकी के प्रचार प्रसार को लेकर हॉकी इंडिया काफी कवायद कर रही है. ऐसे में अब इनकी कोशिश है कि कुछ कदम आगे बढाए फिर उसके बाद हॉकी को भी वहीं सम्मान मिले को क्रिकेट को मिला हुआ है. ऐसे में हॉकी की नर्सरी गोरखपुर में मौजूद है उसे फिर नया जीवन मिलेगा. ऐसे में एक कैम्पन दिया गया है जिसमें हॉकी को हक़ दो में मौजूद समय की हकीकत से रूबरू कराया गया है. कॉलेज और स्कूल से ही बच्चों को हॉकी का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए.
कॉलेज और स्कूल में हॉकी के बेहतरीन खिलाड़ी मौजूद
इस कड़ी में शहर के लोगों के साथ ही इंटरनेशनल प्लेयर्स का जब दिल टटोला गया तो उन्होंने हॉकी को जीवन देने के लिए बेबाकी से अपने ख्याल रखे हैं. हॉकी की दशा और दिशा को सही करने के ल्लिये सबसे पहले जरूरत है कि स्कूल लेवल पर ही हॉकी को जिन्दा किया जाए. हर स्कूल में यह जरूरी हो कि वह नेशनल गेम हॉकी को प्रमोट करें और उसके लिए टीम भी बनाएं.
वहीं यह सुझाव दिया गया है कि कॉलेज और यूनिवर्सिटी में भी हॉकी की टीम बने जिसमें से जिले और स्टेट की टीम का चयन किया जाए. हॉकी से जुड़े खिलाड़ी और अनुभवी लोग की माने तो जब स्कूल में हॉकी शुरू हो जाएगी तो इस लेवल से हुनर आराम से निकल सामने आएंगे. वहीं जब हॉकी कॉलेज में पहुंचेगी तो बेहतरीन खिलाड़ी मिलेंगे. यूनिवर्सिटी तक पहुंचते-पहुंचते प्रोफेशनल प्लेयर्स की फौज तैयार हो जाएगी.
वहीं हॉकी के अनुभवी लोगों का कहना है कि स्कूल से लेकर ब्लॉक और जिले स्तर तक खेल के लिए बहुत फंड आते हैं लें इनका प्रॉपर इस्तेमाल नहीं हो पाता है ऐसे में जरूरत है कि पहले तो हॉकी को बढ़ावा देने के रस्ते में फंड की कमी नहीं आए. खेल के नाम पर पूरा ना हो और ना ही मिलने वाले फंड का सही उपयोग करें. वहीं एक्सपर्ट कि माने तो जो हकदार है वहीं अच्छा खेल सकते है. ऐसे में बेहतरीन खिलाड़ी आगे आए और अपना प्रदर्शन दिखाए. वहीं फंड जारी किए जाए ताकि खिलाड़ियों को हॉकी से जुडी सामग्री मिले.
वहीं अनुभवी खिलाड़ियों का कहना है कि खेलों में राजनीति नहीं होनी चाहिए. और ना ही राजनीति के स्तर से खिलाड़ियों को चुना जाए.