राजस्थान में आयोजित ग्रामीण ओलिंपिक में बच्चों से
लेकर बूढों तक सभी में काफी उत्साह दिख रहा है.
60 साल से लेकर 75 साल तक के बुजुर्गों में मैदान में कबड्डी, हॉकी, दौड़ खेलते नजर आ रहे हैं.
पांच अक्टूबर तक होने वाले इस ओलिंपिक में तीस लाख खिलाड़ी भाग ले रहे हैं.
इनमें महिला खिलाड़ियों की संख्या दस लाख के करीब है. आयोजन में छह तरह के खेल हो रहे हैं.
और युवाओं के साथ बुजुर्ग भी पूरे जोश के साथ इनमें भाग ले रहे हैं.
सीकर के बावड़ी गांव में हॉकी का खेल हुआ. जिसमें ग्रामीण ओलिंपिक के कई खेल नजर आए.
राजस्थान में खेलों के लिए दिखा उत्साह
सास-बहु के साथ देवरानी-जेठानी और दादी-नानी भी हॉकी के साथ अपना खेल देखाती नजर आईं.
मैच सीनियर सेकेंडरी स्कूल के खेल मैदान में स्कूली खिलाड़ियों के साथ था.
महिलाएं लहंगा-लुगड़ी और सिर पर पल्लू रखक मैदान में उतरी.
उम्रदराज खिलाड़ियों के आने पर मैच देखने आए दर्शकों ने तालियां बजाकर स्वागत
और हौसला बढ़ाया. मैच की शुरुआत में दोनों टीमें गोल नहीं कर पाई.
इसके बाद लड़कियों ने गोल कर बढ़त बनाई. करीब 28 मिनट चले इस मुकाबले
में लड़कियों की टीम ने 4-2 से बाजी मारी.]
बड़े-बुजुर्गों ने जमाया हॉकी पर हाथ
मैच भले लड़कियों की टीम ने जीता लेकिन दर्शकों का फोकस बुजर्ग महिला टीम पर ही था.
महिला खिलाड़ियों को इनाम के तौर पर 100 रुपए का नगद पुरस्कार भी दिया गया.
बता दें गांव में इस खेल को लेकर उत्साह काफी है. सभी खिलाड़ी कड़ी
मेहनत कर अपनी टीम को मैच जिताने का भरपूर प्रयास करते हैं.
महिलाएं क्या बूढ़े सभी मैच की प्रैक्टिस करते भी नजर आते हैं.
युवा खिलाड़ी बुजुर्ग खिलाड़ियों को मैच प्रैक्टिस कराते नजर आते हैं.
और दोनों ही वर्गों के लोगों में खेल को लेक्कर काफी जोश नजर आता है.
खेल भावना हो या खेल के लिए नियम से खेलना को इसमें यहाँ पर कोई
कोताही नहीं बरती जाती है. पूरी ईमानदारी और लगन के साथ खेल को खेला जाता है.