फुटबॉलर पेले : फुटबॉल ही हर एक गेम में ऐसे कई मैच होत हें जिन्हें याद करके खिलाड़ी कभी कभी भावुक हो जाते हैं। कुछ ऐसा ही आज से 45 साल पहले 24 सितंबर 1977 में भारत के इडेन गार्डेन में फुटबाॉल का एक मैच खेला गया था। यह मैच बहुत खास था क्योंकी जैसे क्रिकेट में सचिन को भगवान कहा जाता है ठीक उसी प्रकार फुटबॉल में पेले को फुटबॉल का भगवान कहा जाता है और इस मैच में खेल रहे थे। पहली बार पेले भारत में मैच खेलने आए थे। यह मैच मोहन बागान और कॉस्मॉस क्लब के बीच खेला गया था।
इस मैच में किसी भी टीम ने जीत नहीं हासिल की थी। यह मैच 2-2 से ड्रॉ रहा था। इस मुकाबले को याद करके आज भी खिलाड़ी भावुक हो जाते है। इस मैच में फुटबॉल को देखने के लिए फुटबॉल फैंस बेहद उतालवे थे। तमाम खिलाड़ियों ने मिलकर इस मैच से जुड़े हुए लोगों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया था जिसमें दिवंगत खिलाड़ियों की आत्मा की शांती के लिए मौन रखा गया और उन्हें याद किया गया।
उस दिन जब मैच हुआ था। उस समय लोगों में इतना उत्साह था कि लोग सिर्फ फुटबॉलर पेले को देखने आए थे। पेले ने मैच में 10 नंबर की जर्सी पहनी थी। मैदान में 75 हजार से अधिक दर्शक मैच देखने आए थे। पेले ने जिस तरह से मैच खेला वह काबिले तारीफ है।
उस समय मोहन बगान टीम के कप्तान सुब्रतो भट्टाचार्य थे। उन्होंने पेले की टीम से अपनी टीम को मैच हारने नहीं दिया था। उस दौर को याद करते हुए सुब्रतो भट्टाचार्य ने कहा कि “उस समय अमेरका में फुटबाॉल को बढ़ावा देने के लिए कॉस्मॉस क्लब बनाया गया था। उस क्लब में दुनिया के अच्छे – अच्छे खिलाड़ी मौजूद थे। और कॉस्मॉस क्लब एशिया के दौरे में आई थी। इस टीम में पेले भी थे। उस टीम में जर्मनी के प्रसिद्ध खिलाड़ी फ्रेंज बेकेनबावर थे जो उस समय फुटबॉल की दुनिया का एक बड़ा नाम थे। वो उस समय टीम छोड़कर भाग गए थे क्योंकि पूरे बस में सिर्फ पेले के ही नाम लिया जा रहा था। मैं उनके साथ नहीं खेल पाया इसका मुझे दुख है।”