Full List Of Chess Grandmasters Of India: शतरंज ग्रैंडमास्टर (जीएम) का खिताब शतरंज की दुनिया में उपलब्धि का शिखर है। यह विशेषज्ञता के एक ऐसे स्तर का प्रतिनिधित्व करता है जिसका दावा केवल कुछ चुनिंदा लोग ही कर सकते हैं। यह उपाधि अंतर्राष्ट्रीय शतरंज महासंघ FIDE द्वारा प्रदान की जाती है। आज के इस लेख में हम आपको चेस की दुनिया में भारत के अब तक कितने ग्रैंड मास्टर हुए हैं उन सभी के बारे में बताएंगे। हम वर्ष के हिसाब से आपको बताएंगे कि किस वर्ष कौन सा भारतीय चेस खिलाड़ी चेस का ग्रैंड मास्टर बना।
शतरंज, जिसकी उत्पत्ति भारत में छठी शताब्दी में हुई, का रणनीतिक महारत और बौद्धिक कौशल का एक समृद्ध इतिहास है। यह खेल फ्रांस से होते हुए इस्लामी साम्राज्यों और फिर मध्ययुगीन यूरोप तक फैल गया।
लगभग 15वीं शताब्दी तक विकसित होकर आधुनिक खेल जैसा हो गया। पहले आम तौर पर मान्यता प्राप्त विश्व शतरंज चैंपियन विल्हेम स्टीनित्ज़ थे। जिन्हें 1886 में ताज पहनाया गया था। हालाँकि, “ग्रैंडमास्टर” की आधिकारिक उपाधि का उपयोग 20 वीं शताब्दी की शुरुआत तक नहीं किया गया था।
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ग्रैंडमास्टर (जीएम) की उपाधि एक शतरंज खिलाड़ी को मिलने वाली सबसे प्रतिष्ठित उपाधि है। यह उपाधि विश्व चैंपियन के बाद दूसरे स्थान पर है। यह वैश्विक शतरंज प्राधिकरण, FIDE द्वारा प्रदान किया जाता है। एक बार प्रदान किए जाने के बाद यह जनम भर चेस खिलाड़ी के साथ रहती है। यानी इसका इस्तेमाल जब तक चाहे तब तक अपने नाम के साथ कर सकता है।
1950 में शुरू हुई थी Chess Grandmasters की उपाधि
1950 में, FIDE ने औपचारिक रूप से ग्रैंडमास्टर की उपाधि बनाई। शुरुआत में इसे 27 खिलाड़ियों को प्रदान किया गया। इस विशिष्ट समूह में मिखाइल बोट्वनिक और बॉबी फिशर जैसी ऐतिहासिक हस्तियां शामिल थीं। महान कौशल ने उन्हें बहुत प्रसिद्धि दिलाई और उन्हें घरेलू नामों में बदल दिया। फिशर, विशेष रूप से, 1972 के विश्व चैम्पियनशिप मैच में बोरिस स्पैस्की के खिलाफ शीत युद्ध-युग की जीत के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसने वैश्विक ध्यान आकर्षित किया था। विश्व को पहला चेस ग्रैंड मास्टर मिल चुका था लेकिन भारत को लंबा Chess Grandmasters Of India के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा था। देश को करीब 27 साल बाद चेस पहला ग्रैंड मास्टर मिला था। वो पल देश के लिए भावुक कर देने वाला पाल था। जब हमे हमारा पहला ग्रैंड मास्टर मिला था।
Chess Grandmasters बनने के लिए कितनी रेटिंग चाहिए?
ग्रैंडमास्टर बनने के लिए 2500 की FIDE रेटिंग हासिल करना और उच्च-स्तरीय टूर्नामेंटों में मानदंड अर्जित करना आवश्यक है। अन्य शीर्ष स्तरीय प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ एक खिलाड़ी के लगातार प्रदर्शन का प्रमाण है। आज, दुनिया भर में 1700 से अधिक ग्रैंडमास्टर हैं, जिनमें से प्रत्येक शतरंज की रणनीतिक गहराई और समृद्ध प्रतिस्पर्धी परंपरा में योगदान दे रहे हैं। ये व्यक्ति न केवल टूर्नामेंटों में प्रतिस्पर्धा करते हैं, बल्कि किताबें भी लिखते हैं। पढ़ाते हैं। और खेल को बढ़ावा देते हैं, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए इसकी लोकप्रियता सुनिश्चित होती है।
List Of Chess Grandmasters Of India । भारत के शतरंज ग्रैंडमास्टर्स की पूरी सूची
भारत के लिए चेस की दुनिया में सबसे पहला नाम विश्वनाथन आनंद का लिया जाता है। उन्होंने चेस में भारत को शीर्ष पर पहुंचाने का काम किया है। वो देश के पहले चेस खिलाड़ी थे जो सबसे पहले चेस ग्रैंडमास्टर बने थे। वो साल था 1987 का जब विश्ननाथन आनंद चेस ग्रैंड मास्टर बने थे। वो तमिलनाडु के रहने वाले हैं। उनके बाद भारत का दूसरा ग्रैंडमास्टर 4 साल के लंबे इंतजार के बाद मिला।
साल 1991 में दिब्येंदु बरुआ भारत के दूसरे चेस ग्रैंडमास्टर बने थे। इसके बाद तीसरे चेस ग्रैंडमास्टर के लिए देश को 6 साल का इंतजार करना पड़ा। साल 1997 में महाराष्ट्र के प्रवीण थिप्से भारत के तीसरे चेस ग्रैंड मास्टर बने थे। अब तक भारत में कुल 85 ग्रैंड मास्टर हो चुके हैं। आइए एक भारत के सभी ग्रैंड मास्टर की सूची देखते हैँ।
- 1987 – विश्वनाथन आनंद, तमिलनाडु
- 1991 – दिब्येंदु बरुआ, पश्चिम बंगाल
- 1997 – प्रवीण थिप्से, महाराष्ट्र
- 2000 – अभिजीत कुंटे, महाराष्ट्र
- 2000 – के शशिकिरण, तमिलनाडु
- 2001 – पेंटाला हरिकृष्णा, आंध्रप्रदेश
- 2002 – कोनेरू हम्पी, आंध्र प्रदेश
- 2003 – सूर्य शेखर गांगुली, पश्चिम बंगाल
- 2003 – संदीपन चंदा, पश्चिम बंगाल
- 2004 – आरबी रमेश, तमिलनाडु
- 2004 – तेजस बकरे, गुजरात
- 2006 – पी.मगेश चंद्रन, तमिलनाडु
- 2006 – दीपन चक्रवर्ती, तमिलनाडु
- 2006 – नीलोत्पल दास, पश्चिम बंगाल
- 2006 – परिमार्जन नेगी, दिल्ली
- 2007 – जीएन गोपाल, केरल
- 2008 – अभिजीत गुप्ता, राजस्थान
- 2008 – एस अरुण प्रसाद, तमिलनाडु
- 2009 – एस.किदांबी, तमिलनाडु
- 2009 – आरआर लक्ष्मण, तमिलनाडु
- 2010 – श्रीराम झा, दिल्ली
- 2010 – दीप सेनगुप्ता, पश्चिम बंगाल
- 2010 – बी अधिबान, तमिलनाडु
- 2011 – एसपी सेथुरमन, तमिलनाडु
- 2011 – हरिका द्रोणावल्ली, आंध्र प्रदेश
- 2012 – ललित बाबू एम आर, आंध्र प्रदेश
- 2012 – वैभव सूरी, दिल्ली
- 2012 – एमआर वेंकटेश, तमिलनाडु
- 2012 – सहज ग्रोवर, दिल्ली
- 2013 – विदित गुजराती, महाराष्ट्र
- 2013 – श्याम सुंदर एम, तमिलनाडु
- 2013 – अक्षयराज कोरे, महाराष्ट्र
- 2013 – विष्णु प्रसन्ना, तमिलनाडु
- 2013 – देबाशीष दास, ओडिशा
- 2013 – सप्तर्षि रॉय चौधरी, पश्चिम बंगाल
- 2014 – अंकित राजपारा, गुजरात
- 2015 – अरविंद चित्रंबरम, तमिलनाडु
- 2015 – कार्तिकेयन मुरली, तमिलनाडु
- 2015 – अश्विन जयराम, तमिलनाडु
- 2015 – स्वप्निल एस धोपाडे, महाराष्ट्र
- 2015 – एसएल नारायणन, केरल
- 2016 – शार्दुल गागरे, महाराष्ट्र
- 2016 – दीप्तायन घोष, पश्चिम बंगाल
- 2016 – प्रियदर्शन के, तमिलनाडु
- 2017 – आर्यन चोपड़ा, दिल्ली
- 2017 – श्रीनाथ नारायणन, तमिलनाडु
- 2017-हिमांशु शर्मा, हरियाणा
- 2017 – अनुराग महामल, गोवा
- 2017 – अभिमन्यु पुराणिक, महाराष्ट्र
- 2017 – थेज कुमार एम एस, कर्नाटक
- 2018 – सप्तर्षि रॉय, पश्चिम बंगाल
- 2018 – रमेशबाबू प्रग्गनानंद, तमिलनाडु
- 2018 – निहाल सरीन, केरल
- 2018 – एरीगैसी अर्जुन, तेलंगाना
- 2018 – कार्तिक वेंकटरमन, तेलंगाना
- 2018 – हर्ष भरतकोटि, तेलंगाना
- 2018 – पी कार्तिकेयन, तमिलनाडु
- 2018 – स्टैनी जॉर्ज एंथोनी, कर्नाटक
- 2019 – विशाख एन आर, तमिलनाडु
- 2019 – डोम्माराजू गुकेश, तमिलनाडु
- 2019 – पन्नीरसेल्वम इनियान, तमिलनाडु
- 2019 – स्वयम्स मिश्रा, ओडिशा
- 2019 – गिरीश कौशिक, कर्नाटक
- 2019 – पृथु गुप्ता, दिल्ली
- 2019 – रौनक साधवानी, महाराष्ट्र
- 2020 – आकाश गणेशन, तमिलनाडु
- 2020 – लियोन मेंडोंका, गोवा
- 2021 – अर्जुन कल्याण, तमिलनाडु
- 2021 – हर्षित राजा, महाराष्ट्र
- 2021 – राजा ऋत्विक, तेलंगाना
- 2021 – संकल्प गुप्ता, महाराष्ट्र
- 2021 – मित्रभा गुहा, पश्चिम बंगाल
- 2022 – भरत सुब्रमण्यम, तमिलनाडु
- 2022 – राहुल श्रीवास्तव पी, तेलंगाना
- 2022 – वी प्रणव, तमिलनाडु
- 2022 – प्रणव आनंद, कर्नाटक
- 2022-आदित्य मित्तल, महाराष्ट्र
- 2023 – कौस्तव चटर्जी, पश्चिम बंगाल
- 2023 – प्रणेश एम, तमिलनाडु
- 2023 – विग्नेश एन आर, तमिलनाडु
- 2023 – सायंतन दास, पश्चिम बंगाल
- 2023 – वुप्पाला प्रणीथ, तेलंगाना
- 2023- आदित्य सामंत, महाराष्ट्र
- 2023 – वैशाली रमेशबाबू, तमिलनाडु
- 2024- श्याम निखिल, तमिलनाडु
निष्कर्ष । Conclusion
Chess Grandmasters Of India के इस लेख में हमने आपको भारत के सभी चेस ग्रैंड मास्टर की सूची प्रदान की है। साल 1987 से लेकर अब तक भारत में कितने चेस ग्रैंड मास्टर बन चुके हैं और किस साल कितने चेस ग्रैंड मास्टर इंडिया से निकले सभ की जानकारी इस लेख में हमने आपको प्रदान की है। हाल ही बीते हफ्ते श्याम निखिल भारत के 85वें चेस ग्रैंड मास्टर बने थे। वो इस लिस्ट में शामिल होने वाले भारत के सबसे नवनीतम चेस ग्रैंड मास्टर हैं।
नोट- यह लेख 15 अप्रैल 2024 तक के उपलब्ध डाटा पर आधारित है।
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