France पहुंची वर्ल्ड कप मे फाइनल मे दूसरी बार, आखिरकार france ने मोरोको को 2-0 से हराकर अपने खिताब के और भी पास पहुँच गयी है। क्या france वो कमाल कर पाएगी जो ब्राज़ील ने 1962 मे किया था जहा उन्होंने 2 बार वर्ल्ड कप अपने नाम किया था। मोरोको ने सेमी फाइनल तक आकर पेहली अफ्रीकी टीम बनी जिन्होंने सेमी फाइनल तक का रास्ता तय किया था।
France का फाइनल तक का सफर
मैच के आरंभ मे ही पता चल गया था कि वो किसी करवट बैठने वाला है। मैच के पांचवे मिनट मे ही हर्नांडेज़ ने france के लिए खाता खोल दिया जिससे मोरोको एक दम से बैकफुट मे हो गई, वे ये जानते थे कि हमला होगा पर इतनी जल्द होगा ये उन्होंने बिल्कुल भी उन्होंने नही सोचा था। पर मोरोको भी इस हमले के बाद चुप बैठने वालो मे से नही थी। और उन्होंने भी हमला करना शुरू कर दिया था ।
10 वे मिनट मे औनाहि के शॉट को लोरिस् ने बचाके france कि लीड को बरकरार रखा था। मोरोको ने france की समस्याओं का कारण बनना जारी रखा क्यूँकि उनके पास आगे कोई चारा नही बचा था, विशेष रूप से दाहिनी फ्लैक के उपर से ज्यादा हमले बनते जा रहे थे।
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जहां हर्नांडेज़ को अक्सर एम्बाप्पे की जोड़ी बार – बार मोरोको के डिफ़ेंस को परेशान करने मे लगे हुए थे। मोरोको का डिफ़ेंस भी तितर बितर होता दिख रहा था क्यूँकि france के सारे खिलाडी आक्रामक अंदाज़ से खेल रहे थे।
मैच के 43 मिनट मे मोरोको कि पेनाल्टी की मांग को खारिज कर दिया गया। हॉफ टाइम के घोषणा के उपरांत france ने मोरोको के उपर 1-0 कि बढ़त से आगे था। केहने को ये बड़ा स्कोर नही था पर आखरी मैचों का पड़ाव का दबाव ही कुछ अलग होता है । हॉफ टाइम के बाद भी स्थिति मे कुछ खास बदलाव नही था।
france मानो पीछे हटने को त्यार ही नही था, 79 वे मिनट मे कोलो मुनाइ ने france के लिए सुब्स्टिटूट बेंच से आते ही गोल करके मैच को पूरी तरह से अपने नाम कर लिया। इसके आगे मोरोको के पास कुछ नही था मैच कि समाप्ति मे france ने मोरोको पर 2-0 कि बढ़त से फाइनल मे दूसरी बार प्रवेश किया।