विश्वकप और ओलंपिक टूर्नामेंटों में अंपायरिंग करने वाले कोलकाता के पूर्व फीफा रेफरी सुमंत घोष का गुरुवार को लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया। वह 70 वर्ष के थे। सुमंत घोष के दो बेटे हैं। उनके निधन से उनका परिवार बहुत दुखी है। उनके करीबी दोस्तो भी उनके निधन से दुख में हैं।
बंगाल के एक रेफरी ने कहा, “वह पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं चल रहे थे और आज सुबह करीब 3 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।”
10 अप्रैल 1952 को जन्मे घोष 1990 में फीफा रेफरी बने और 1997 में सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने प्री-वर्ल्ड कप और प्री-ओलंपिक टूर्नामेंट, एएफसी क्लब चैंपियनशिप, एसएएफएफ कप और जवाहरलाल नेहरू कप में अंपायरिंग की।
रिटायरमेंट के बाद घोष रेफरी के इंस्ट्रक्टर और एआईएफएफ मैच कमिश्नर बनकर रेफरी से जुड़े रहे।
सुमंत घोष के निधन पर अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ के अध्यक्ष कल्याण चौबे ने कहा, “यह सुनकर वास्तव में दुख हुआ कि सुमंत-दा नहीं रहे। वह भारतीय रेफरी के महानायक थे और खेल में उनका अमूल्य योगदान हमेशा हमारे साथ रहेगा। मैं उनके परिवार के साथ दुख साझा करता हूं। ”
सुमंत घोष के निधन पर एआईएफएफ के महासचिव शाजी प्रभाकरन ने कहा, “सुमंत घोष एक शीर्ष श्रेणी के रेफरी, एक विद्वान प्रशिक्षक और मैच आयुक्त थे। फुटबॉल बिरादरी उन्हें याद करेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।