क्या आप सोच सकते हैं की हॉकी (Hockey) जैसे प्रसिद्ध खेल में जिसमें पैसा और शोहरत दोनों है, उस खेल में महज 28 साल की उम्र में एक उभरते हुए फील्ड हॉकी खिलाड़ी (Field Hockey Player) ने संयास ले लिया और वजह भी ऐसी जिसको जानकर चौक उठेंगे आप.
जी हां मैं बात कर रहा हूं भारतीय महिला हॉकी टीम (Womens Hockey Team) की डिफेंडर सुनीता लकड़ा (Sunita Lakra) की जिन्होंने साल 2020 की जनवरी में घुटनों की चोट के कारण अंतरराष्ट्रीय फील्ड हॉकी (International Field Hockey) से संयास ले लिया.
साल 2018 में एशियाई खेल में रजत पदक जीतने वाली महिला फील्ड हॉकी टीम एक अहम हिस्सा थी सुनीता लकड़ा (Sunita Lakra). लेकिन दोबारा घुटने में लगी चोट की सर्जरी करवानी पड़ेगी इसलिए उन्होंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी कैरियर से संयास ले लिया.
सन्यास लेने के दौरान उन्होंने कहा यह मेरे लिए बहुत भावुक समय है कि जब टोक्यो ओलंपिक्स (Tokyo Olympics) होने वाले हैं उससे पहले मेरे घुटनों में चोट लग गई, जिसकी मुझे सर्जरी करवानी पड़ेगी इसलिए अब मैं टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं बन पाऊंगी और ओलंपिक्स खेलने का मेरा सपना टूट जायेगा.
अगर सुनीता लकड़ा (Sunita Lakra) के करियर की बात की जाए तो साल 2008 में सुनीता हॉकी टीम का हिस्सा बनी थी, इसके बाद साल 2018 के एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी के दौरान वे भारतीय हॉकी टीम की कप्तान भी रही थी.
उन्होंने भारत के लिए अपने करियर में 139 मैच खेले और साल 2014 के एशियाई खेलों में कांस्य पदक विजेता टीम का हिस्सा भी रही थी.
सुनीता ने कहा कि मैं बहुत भाग्यशाली हूं कि साल 2014 में हुए रियो ओलंपिक खेल में मैं महिला हॉकी टीम का हिस्सा रही थी, जिसमें तीन दशक में पहली बार भारतीय महिला हॉकी टीम ने शिरकत की थी.