प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) वैसे तो युवाओं का खेल है लेकिन इसमें कई उम्रदराज खिलाड़ियों ने भी काफी
सफलता हासिल की है। कबड्डी का खेल अपनी स्पीड और फुर्ती के लिए जाना जाता है। अगर आपको
इस गेम में सफल होना है तो फिर ये दो चीजें काफी जरूरी हैं और ऐसा ज्यादातर युवा प्लेयर्स के
अंदर ही देखने को मिलता है। लेकिन हम आपको इस आर्टिकल में जिन पांच खिलाड़ियों के बारे में
बताने जा रहे हैं, उन्होंने ये साबित किया है कि अगर आपके पास एक्सपीरियंस और स्किल है
तो ज्यादा उम्र होने के बावजूद भी सफलता हासिल की जा सकती है। हम आपको इस आर्टिकल
में पीकेएल इतिहास के पांच सबसे उम्र दराज खिलाड़ियों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं
इस लिस्ट में कौन-कौन से प्लेयर हैं।
प्रो कबड्डी लीग इतिहास के पांच सबसे उम्रदराज खिलाड़ी
जीवा कुमार – 51 साल
कबड्डी का क्या किसी भी गेम में कोई ये कल्पना नहीं कर सकता है कि 51 साल का खिलाड़ी इतनी
चपलता के साथ खेल रहा है। राइट कवर स्पेशलिस्ट जीवा कुमार ने अपने पीकेएल करियर में कई
टीमों के लिए खेला। वो तीन बार पीकेएल का टाइटल अपने नाम कर चुके हैं। दूसरे सीजन में वो
यू-मुम्बा की विनिंग टीम का हिस्सा थे, सातवें सीजन में बंगाल वॉरियर्स और आठवें सीजन में दबंग दिल्ली की
तरफ से उन्होंने पीकेएल का खिताब अपने नाम किया। अपने पीकेएल करियर में अभी तक वो
136 मैचों में 258 प्वॉइंट हासिल कर चुके हैं। इसके अलावा 2010 के एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने
वाली भारतीय टीम का भी वो हिस्सा थे।
पांच सबसे उम्रदराज खिलाड़ी
धर्मराज चेरालाथन – 47 साल
धर्मराज चेरालाथन की उम्र को देखकर कोई ये नहीं कहेगा कि वो एक कबड्डी प्लेयर हैं।
जिस गेम में युवा खिलाड़ी इतनी स्पीड के साथ रेडिंग कर रहे हों वहां पर धर्मराज चेरालाथन जैसे 47
साल के प्लेयर का डिफेंस करना वाकई काबिलेतारीफ है। उन्होंने अपने पीकेएल करियर की शुरूआत
बेंगलुरु बुल्स के साथ की थी और इसके बाद तेलुगु टाइटंस के लिए भी खेले। वहीं चौथे सीजन में
पटना पाइरेट्स की कप्तानी भी की। इसके बाद छठे सीजन में वो यू-मुम्बा का हिस्सा बने और 40 टैकल
प्वॉइंट हासिल किए। सातवें सीजन में उन्होंने हरियाणा स्टीलर्स की कप्तानी की।
जोगिंदर नरवाल – 40 साल
जोगिंदर नरवाल की स्किल का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि आठवें सीजन में वो
एक तरफ जहां दबंग दिल्ली की कप्तानी कर रहे थे तो दूसरी तरफ उनका बेटा भी इस टीम का
हिस्सा था। किसी भी खेल में ऐसा अदभुत संयोग काफी कम ही देखने को मिलता है कि बाप
और बेटा एक ही टीम के लिए एकसाथ खेल रहे हों। जोगिंदर नरवाल ने अपने करियर में कुल
मिलाकर 102 मुकाबले खेले और इस दौरान 205 प्वॉइंट हासिल किए। अपनी कप्तानी में
दबंग दिल्ली को उन्होंने पीकेएल का खिताब जिताया। आगामी सीजन में जोगिंदर हरियाणा स्टीलर्स
की तरफ से खेलते हुए नजर आएंगे।
पांच सबसे उम्रदराज खिलाड़ी
मंजीत छिल्लर – 36 साल
प्रो कबड्डी ली इतिहास के सबसे सफल डिफेंडर मंजीत छिल्लर की उम्र 36 साल है लेकिन इसके बावजूद
बीते सीजन उनका परफॉर्मेंस जिस तरह का रहा उससे लगा ही नहीं कि वो इतने साल के हो चुके हैं।
मंजीत छिल्लर एक ऐसे प्लेयर हैं जिन्होंने प्रो कबड्डी लीग के पहले सीजन से ही लगातार बेहतरीन
प्रदर्शन किया है। दूसरे सीजन में उन्हें मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर भी चुना गया था। पीकेएल के इतिहास में
सबसे ज्यादा टैकल प्वॉइंट हासिल करने का रिकॉर्ड मंजीत छिल्लर के नाम है। उन्होंने अभी तक
132 मैचों में 391 टैकल प्वॉइंट हासिल किए हैं और वो लीग के सबसे सफल डिफेंडर हैं। हालांकि
मंजीत आगामी पीकेएल सीजन में एक प्लेयर के तौर पर नहीं बल्कि कोच के तौर पर मैट पर नजर आएंगे।
अजय ठाकुर – 36 साल
पीकेएल में अजय ठाकुर किसी भी टीम के लिए खेलते हैं तो फैंस उन्हें काफी पसंद करते हैं।
36 वर्षीय अजय ठाकुर ने कुल मिलाकर अपने करियर में अभी तक 120 मुकाबले खेले हैं और
इस दौरान 797 रेड प्वॉइंट हासिल किए हैं। उन्होंने अपने पीकेएल करियर की शुरूआत बेंगलुरू बुल्स
के साथ की थी और पहले ही सीजन में 122 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे और दूसरे सीजन में भी 79 प्वॉइंट
हासिल किए थे। दूसरे सीजन में बुल्स को फाइनल में पहुंचाने में उनका अहम योगदान था। पांचवें सीजन
में तमिल थलाइवाज की तरफ से खेलते हुए अजय ठाकुर ने 22 मैचों में 213 रेड प्वॉइंट हासिल किए थे।
इसके बाद अगले सीजन में 203 प्वॉइंट लिए।